Move to Jagran APP

किसानों को मिला प्रशिक्षण

खूंटी : कृषि कल्याण अभियान-2 के अंतर्गत सोमवार को खूंटी प्रखंड के बुरुहडीह गांव में किसानों को किचन गार्ड¨नग व वर्मी कम्पोस्ट का प्रशिक्षण दिया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. एसपी ¨सह ने किसानों को मसूर, सरसों व चना की खेती की वैज्ञानिक जानकारी दी। उन्होंने किसानों से कहा कि खेत में कम नमी की अवस्था में फसल को पक्तियों में ही लगाएं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 06:21 PM (IST)
किसानों को मिला प्रशिक्षण
किसानों को मिला प्रशिक्षण

खूंटी : कृषि कल्याण अभियान-2 के अंतर्गत सोमवार को खूंटी प्रखंड के बुरुहडीह गांव में किसानों को किचन गार्ड¨नग व वर्मी कम्पोस्ट का प्रशिक्षण दिया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. एसपी ¨सह ने किसानों को मसूर, सरसों व चना की खेती की वैज्ञानिक जानकारी दी।

loksabha election banner

उन्होंने किसानों से कहा कि खेत में कम नमी की अवस्था में फसल को पक्तियों में ही लगाएं। मानव जीवन में फल व सब्जियों का काफी महत्व है। अत: किसान भाई बहन घर के आसपास पड़ी खाली जमीन पर सब्जी व फल अवश्य उगाएं। हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए फल व सब्जियां उतनी ही जरूरी हैं जितने अन्य अनाज। इसलिए किसान भाई फलों के पौधे लगाएं और घर के आसपास में उपलब्ध जमीन पर सब्जियां लगाकर अपनी सब्जी की जरूरत पूरी करें। साथ ही घर के कार्यों में इस्तेमाल किए गए पानी को व्यर्थ में न बहाकर उस पानी का सदुपयोग सब्जी उगाने में करें। उन्होंने कहा कि फल के पेड़ लगाकर किसान भाई अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही फल के वृक्ष फसल के मुकाबले आमदनी का अच्छा जरिया होते हैं। उन्होंने बताया कि गोबर व कूड़ा करकट की अच्छी तरह गली-सड़ी खाद को ही पेड़-पौधों व खेतों में डालना चाहिए। गोबर की कच्ची खाद का प्रयोग करने से दीमक लगने का खतरा बढ़ जाता है। किसान भाइयों को खेतों में गोबर की सड़ी गली खाद का उपयोग बढ़ाने की सलाह दी गई तथा आग्रह किया कि गोबर की खाद का धूप में, खेत में ढेर न लगाएं। धूप में सूखने से उसका असर कम हो जाता है। अत: उसे तुरंत खेत में अच्छी तरह मिला देना चाहिए। किसानों को किचन गार्ड¨नग की जानकारी देते हुए बताया गया कि वेस्ट डिकॉम्पो•ार तैयार कर खेतों व पेड़ पौधों व सब्जियों में डालकर या छिड़ककर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इससे मृदा का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। वेस्ट डिकम्पो•ार के घोल को तैयार व इस्तेमाल करने की विधि तथा होने वाले फायदे की जानकारी देते हुए कहा कि किसान भाई इसका इस्तेमाल बताये गये तरीके से करें व जैविक खेती को अपनाएं। आत्मा के डिप्टी पीडी अमरेश कुमार ने गोबर व केचुआ खाद पर अपने विचार रखे। प्रशिक्षण के पश्चात सूर व सरसों के बीज का किसानों के बीच निश्शुल्क वितरण किया गया। इस अवसर पर डॉ. शुभम ओडेया, ज्योत्स्ना व अमरेश कुमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.