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जैविक खाद से लंबे समय तक बनी रहती भूमि की उर्वरा शक्ति : डा. घोष

कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा व कृषि विज्ञान केंद्र खूंटी के संयुक्त रूप से किसानों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। गुरुवार को हुसिर पंचायत सचिवालय में आयोजित प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डा. ज्योतिर्मय घोष ने समेकित खेती पर किसानों को जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:05 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:05 PM (IST)
जैविक खाद से लंबे समय तक बनी रहती भूमि की उर्वरा शक्ति : डा. घोष
जैविक खाद से लंबे समय तक बनी रहती भूमि की उर्वरा शक्ति : डा. घोष

संसू, तोरपा : कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा व कृषि विज्ञान केंद्र खूंटी के संयुक्त रूप से किसानों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। गुरुवार को हुसिर पंचायत सचिवालय में आयोजित प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डा. ज्योतिर्मय घोष ने समेकित खेती पर किसानों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सब्जियों की खेती के साथ ही नीम, तुलसी, गेंदा फूल आदि औषधीय पौधों की खेती में जैविक खादों को प्रयोग करना चाहिए। इससे न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता है। साथ ही कृषि लागत कम व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है, जिससे कृषकों को अधिक लाभ मिलता है। मौके पर मौसम वैज्ञानिक डा. राजन चौधरी ने कहा कि आजादी के समय तकनीक की कमी के कारण खेती से बहुत कम अनाज उत्पादित होता था, इसलिए खाने के लिए अनाज विदेशों से मंगाया जाता था। आजादी के बाद जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई। अनाज की कमी महसूस होने लगी। इस कारण हरित क्रांति का जन्म हुआ और अनाज उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण नई किस्मों का प्रवेश, आधुनिक तकनीकों का समायोजन और रासायनिक पदार्थों का उपयोग रहा। लेकिन खेती में रसायनिक खादों का प्रयोग बहुत ज्यादा होने के कारण पर्यावरण प्रदूषित और भूमि की उर्वरा शक्ति का ह्रास होने लगा, जो आज तक निरंतर जारी है। जो मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ सभी जीवों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। अगर कृषि रसायनों पर पाबंदी नहीं लगाई गई या इनका उपयोग कम नहीं किया गया तो संपूर्ण भूमि बंजर हो जाएगी या अपनी उत्पादन क्षमता खो देगी। प्रशिक्षण के दौरान वर्मी कंपोस्ट के बारे में किसानों का बताया गया कि केंचुआ जैविक खाद फसलों के लिए काफी लाभकारी होता है। इस खाद में मुख्य पोषक तत्व के अतिरिक्त दूसरे सूक्ष्म पोषक तत्व और कुछ हारमोंस व एंजाइमस भी पाए जाते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभदायक होते हैं। मौके पर केंद्र के मौसम प्रेक्षक आशुतोष प्रभात, बीटीएम नम्रता कुमारी सहित कई किसान उपस्थित थे।

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