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बच्चों का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व : अर्जुन मुंडा

समय के अनुसार बच्चों का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। आज के संरक्षण पर ही कल के बच्चों का भविष्य निर्भर करता है। यह बात केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा ने कही। वे सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली के तत्वावधान में बाल कल्याण संघ रांची के सहयोग से मानव तस्करी से प्रभावित बच्चों एवं उनके परिवारों को चिह्नित कर लाभ दिलाने के लिए समाहरणालय सभागार में आयोजित संवर्धन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:46 PM (IST)
बच्चों का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व : अर्जुन मुंडा
बच्चों का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व : अर्जुन मुंडा

खूंटी : समय के अनुसार बच्चों का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। आज के संरक्षण पर ही कल के बच्चों का भविष्य निर्भर करता है। यह बात केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा ने कही। वे सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के तत्वावधान में बाल कल्याण संघ, रांची के सहयोग से मानव तस्करी से प्रभावित बच्चों एवं उनके परिवारों को चिह्नित कर लाभ दिलाने के लिए समाहरणालय सभागार में आयोजित संवर्धन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अर्जुन मुंडा एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने किया।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं धन्यवाद देना चाहूंगा बाल कल्याण संघ और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को कि उन्होंने झारखंड प्रदेश को इस कार्य के लिए चुना है। आज संवर्धन कार्यक्रम के माध्यम से जिले के बच्चों को सरकार द्वारा संचालित 35 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया का शुभारंभ जिले में किया जाना बच्चों के लिए एक शुभ संदेश है, जो यह निर्धारित करेगा कि जिले से कोई भी बच्चा बाल तस्करी एवं बाल श्रम का शिकार ना हो, बल्कि वह सरकार की सभी योजनाओं का सुचारू रूप से लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि जिले के जितने भी कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चे हैं, उनकी मैपिग करने में जिला प्रशासन अपने स्तर से सहयोग प्रदान करें, ताकि हम एक नए जिले की ओर बढ़ सके और बाल सुरक्षा का मजबूत कवच तैयार कर सके। इस हेतु सभी लोगों को एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि अधिक से अधिक इस कार्य में सहयोग कर झारखंड प्रदेश के बच्चों को तकदीर और तस्वीर बदलने में सहयोग हो।

संवर्धन कार्यक्रम के दौरान आयोजित वेबिनार कार्यशाला में स्वागत भाषण देते हुए उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि ये हमारे लिए गौरव कि बात है कि आज की इस वेबिनार कार्यशाला के लिए खूंटी जिला का चयन किया गया। मौके पर उन्होंने जिले में बाल तस्करी उन्मूलन की दिशा में किये गए कार्यों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पूर्व से ही खूंटी जिला से बहुत से बच्चो की बाल तस्करी होती रही है। विगत तीन वर्षो में लगभग 152 बाल तस्करी/बाल श्रम/बाल यौन शोषण से पीड़ित बच्चो को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं अन्य राज्यों से जिला प्रशासन द्वारा रेस्क्यू करा कर खूंटी जिला लाया गया है और सभी बच्चो का पुनर्वासन किया गया है। जिले में कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को बाल संरक्षण योजना के तहत स्पांसरशिप योजना के तहत बच्चो को लिक किया गया है। जिले मे इस योजना के तहत लछित कुल 40 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के तहत बच्चों को शिक्षा, पोषण एवं चिकित्सा के लिए प्रत्येक माह दो हजार रुपये आर्थिक मदद तीन वर्षो के लिए दी जाती है। खूंटी जिला राज्यभर में इस योजना के तहत लछित संख्या को प्राप्त करने वाला पहला जिला बना है।

इस दौरान बाल कल्याण संघ के सचिव सह नीति आयोग (सीएसओ स्टैंडिग कमेटी) के सदस्य संजय कुमार मिश्र ने कहा कि झारखंड से प्रत्येक वर्ष 12 से 14 हजार बच्चों को बिचौलियों द्वारा बेच दिया जाता है। कोविड-19 लाकडाउन के दौरान बहुत सारे प्रवासी श्रमिक अपने प्रदेश में लौटकर आए हैं और उनके पास खेती के लिए जमीन नहीं होने के कारण आय के अवसर ना के बराबर दिखाई दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में बच्चों के साथ परिवार भी मानव तस्करों के बहकावे में आसानी से फंस जा रहे हैं। गांव स्तर पर इन प्रवासी श्रमिकों के पास सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ गांव से बाहर रहने के कारण नहीं मिल पा रहा है। इस तरह की स्थिति में परिवार ना चाहते हुए भी बच्चों को तस्करों के हाथों में सौंप रहे हैं। इसी आलोक में देश का पहला पायलट प्रोजेक्ट 'संवर्धन कार्यक्रम' का शुभारंभ आज खूंटी जिले में किया गया है। इस कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप जिले के मानव तस्करी से प्रभावित बच्चे एवं परिवारों को सरकार के 35 प्रकार के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़कर उन परिवारों एवं बच्चों की तस्वीर और त़कदीर बदलने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जिले से मानव तस्करी को जड़ से समाप्त किया जा सके।

मौके पर द एशिया फाउंडेशन की नंदिता बरुआ, तोरपा विधायक कोचे मुंडा, जिला परिषद अध्यक्ष जुनिका गुड़िया, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति एवं बाल कल्याण संघ के प्रमोद कुमार वर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, अरविद मिश्रा, मुकेश कुमार, सिद्धार्थ शर्मा, ज्योति यादव, कौशल किशोर, सभी प्रखंडों के प्रखंड प्रमुख, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर कोरोनाकाल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया।


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