शिक्षण प्रक्रिया का सृदृढ़ करने की जरूरत : डीसी
उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित बैठक में शिक्षा विभाग के कार्यो की समीक्षा की।
खूंटी : उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित बैठक में शिक्षा विभाग के कार्यो की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि हम सब मिलकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने का सार्थक प्रयास करें। इस दौरान उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि आनलाइन क्लास व डिजिटल रूप से छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देशित किया कि शिक्षा विभाग से संबंधित कायरें की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। रिपोर्ट में पिछले दो महीनों में विभाग द्वारा दिए गए निर्देश एवं उनके अनुपालन, प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों की संख्या एवं वर्तमान स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध कराए गए टैबलेट की संख्या एवं आवश्यकताएं, विद्यालयों की आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने की आवश्यक व्यवस्था एवं समस्याएं, छात्रावास की वर्तमान स्थिति, टीएचआर एवं अन्य योजना के तहत राशन की उपलब्धता एवं वितरण, शैडो इलाकों की सूची जहा आनलाइन माध्यम से शिक्षा नहीं मिल पा रही है, बच्चों को वितरित की गई किताबों व शिक्षण सामग्री, शिक्षकों के वेतन से संबंधित समस्याओं व वेतन समय पर नहीं दिए जाने के कारण आदि की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश डीसी ने दिया। डीसी ने कहा कि विस्तृत मूल्याकन रिपोर्ट के आधार पर चर्चा की जानी चाहिए। इस दौरान उपायुक्त ने विद्यालयों को बेहतर रूप में विकसित करने पर विशेष जोर दिया। मौके पर जिला शिक्षा अधीक्षक डा. महेंद्र पाडेय ने समिति को जानकारी दी कि विभाग द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में जिले के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को विभिन्न ग्रेडों में प्रोन्नति देने के लिए आपसी वरीयता निर्धारण करने का आदेश प्राप्त है। इस संदर्भ में विभागीय निर्देशानुसार पाच अक्टूबर को औपबंधिक वरीयता सूची का प्रकाशन किया गया। बैठक के दौरान संबंधित प्रतिवेदन के आधार पर तैयार मास्टर वरीयता सूची का अवलोकन किया गया एवं सर्वसम्मति से इसे अनुमोदित किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा बताया गया कि वर्तमान में शिक्षण प्रक्रिया को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षण व्यवस्था के साथ उचित वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए।