Move to Jagran APP

बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति सजग होने की जरूरत : अर्जुन मुंडा

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमारे चारों ओर का कवच पर्यावरण है। वातावरण का संतुलित होना ही सुरक्षित पर्यावरण की नींव है। यहां की जनजाति प्रकृति पूजक है। जल जंगल और जमीन खूंटी की संस्कृति का आधार है। इस नाते खूंटी जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागरूक और समझदार हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 10:04 PM (IST)
बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति सजग होने की जरूरत : अर्जुन मुंडा
बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति सजग होने की जरूरत : अर्जुन मुंडा

जागरण संवाददाता, कर्रा : केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमारे चारों ओर का कवच पर्यावरण है। वातावरण का संतुलित होना ही सुरक्षित पर्यावरण की नींव है। यहां की जनजाति प्रकृति पूजक है। जल, जंगल और जमीन खूंटी की संस्कृति का आधार है। इस नाते खूंटी जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागरूक और समझदार हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व की दिशा और दशा को बदल दिया है। आपदा की इन परिस्थितियों में हर व्यक्ति को सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सोमवार को खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के काटमकुकु स्थित हाईटेक नर्सरी में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वन प्रमंडल, खूंटी के तत्वावधान में आयोजित वन मोहोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मौके पर उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन की प्रचुरता पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन से ही संभव है। ऑक्सीजन बढ़ाने का सबसे कारगर उपाय प्रकृति की सुरक्षा एवं संवर्धन है। इसके लिए लोगों में जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सभी को पौधा लगाने-पेड़ बचाने का ²ढ़ संकल्प लेने की आवश्यकता है। प्रकृति को बचाना हर इंसान का कर्तव्य है। पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन को अभियान के रूप में लें। इससे आर्थिक आमदनी बढ़ेगी, खेतों में हरियाली आएगी और ऑक्सीजन की स्तर भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मानवता के हित में हमलोगों को और अधिक ऑक्सीजन उत्पादन करने की सोच रखनी चाहिए। विश्व में लगातार बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग की चिताओं के प्रति हमें सजग होने की आवश्यकता है। हम सभी जंगलों को नया जीवन देकर पौधे लगाकर, पेड़ों की सुरक्षा कर, बारिश के पानी को संरक्षित कर तलाब एवं अन्य जलाशयों का निर्माण व उसका संरक्षण कर पर्यावरण को संतुलित बनाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरण सुधार संतुलित हुआ तभी हमारा जीवन संतुलित रहेगा। आदिकाल में अधिकतर मनुष्य वन में रहते थे और जंगल से मिलने वाली फल, फुल व कंद-मूल को लोग अपने आहार में शामिल किया करते थे फिर धिरे धिरे नदियों के किनारे गांव की बसाहट शुरू हुई। इस अवसर पर उन्होंने पौधा लगाकर लोगों को पर्यावरण को हरा-भरा रखने का संदेश दिया।

prime article banner

कार्यक्रम में जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने आमजनों को जागरूक करते हुए कहा कि सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से ही पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर हम सभी को संवेदनशील होकर काम करना होगा। छोटे-छोटे प्रयास करने से भी बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि खूंटी जिले में आने वाले रविवार तक करीब एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरण की ²ष्टि से वर्तमान में झारखंड सरकार द्वारा संचालित बिरसा आम बागवानी कार्यक्रम को भी अच्छा बढ़ावा दिया जा रहा है। मौके पर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा कि खूंटी पुलिस प्रशासन द्वारा भी पौधारोपण के लिए स्थल का चयन किया जा चुका है। जहां रविवार को वृहद पैमाने में पौधारोपण कार्य किया जाएगा। वन प्रमंडल पदाधिकारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि लोगों को पर्यावरण की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वह्न करना चाहिए। इसी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वन महोत्सव का शुभारंभ किया गया है। हम सभी को चाहिए की आने वाली पीढ़ी को बेहतर वातावरण दें। इसके लिए पौधारोपण व पेड़ों को बचाना आवश्यक है। यह तभी संभव होगा, जब लोग जागरूक होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.