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खूंटी में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, पीएलएफआइ को भेजते थे हथियार

Mini Gun Factory in khunti. झारखंड के खूंटी में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा कर पुलिस ने हथियार बरामद किए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 05:42 PM (IST)
खूंटी में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, पीएलएफआइ को भेजते थे हथियार
खूंटी में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, पीएलएफआइ को भेजते थे हथियार

खूंटी, जेएनएन। पुलिस ने मुरहू थानांतर्गत कुंकुसी जंगल में पहाड़ी पर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) की मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। वहां से एक लेथ मशीन, 10 एचपी का एक जेनरेटर, 30 मीटर बिजली का तार, दो लोहा काटने की मशीन एवं बैरल बनाने के लिए रखे छह रॉड बरामद किए गए। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक आलोक ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दी।

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उन्होंने बताया कि गत 20 फरवरी को उन्हें गुप्त सूचना मिली कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप एवं जोनल कमांडर जीदन गुड़िया ने मुरहू थानांतर्गत ग्राम कुकुसी स्थित जंगल में पहाड़ी के ऊपर एक गन फैक्ट्री लगा रखी है। वहां से हथियार बनाकर पीएलएफआइ के जोनल कमांडर गज्जू गोप एवं एरिया कमांडर अजय पूर्ति, दीत नाग व बगराय चंपिया को भेजा जाता है, जो उनके दस्ते के लिए काम करता है।

उक्त सूचना के आलोक में छापामारी टीम का गठन किया गया। टीम में मुरहू थाना प्रभारी उदय कुमार गुप्ता, झारखंड जगुआर एजी-22 के उप समादेष्टा मंगा कच्छप, एजी प्रभारी, सहायक समादेष्टा राजीव कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक अशोक प्रसाद सिंह, विष्णुपद महतो, लाल टोपनो एवं अमृत कच्छप समेत सशस्त्र बल को शामिल किया गया। इसके बाद टीम ने 21 फरवरी की सुबह कुंकुसी के दक्षिण स्थित पहाड़ी पर जब छापामारी की तो वहां एक गन फैक्ट्री पाई गई। मौके से गन बनाने के लिए रखी एक बड़ी लेथ मशीन, 10 एचपी का एक जेनरेटर, 30 मीटर बिजली का तार, दो लोहा काटने की मशीन एवं बैरल बनाने के लिए रखे छह रॉड बरामद किए गए।

एसपी ने बताया कि आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप एवं जोनल कमांडर जीदन गुड़िया, गज्जू गाेप तथा एरिया कमांडर अजय पूर्ति, दीत नाग व बगराय चंपिया ने करीब एक माह पूर्व इस गन फैक्ट्री को लगाया था। उन्होेंने बताया कि यह अनुसंधान किया जा रहा है कि यहां बनने वाले हथियारों के सामग्री की आपूर्ति कहां से हो रही थी। 


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