शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक मानसिक स्वास्थ्य जरूरी : डा. कुमार
विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को रनिया प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
रनिया : विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को रनिया प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें प्रतिभागियों के बीच कोविड-19 एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा नशापान, तंबाकू के उत्पादों का सेवन व इसका मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं आत्महत्या के निवारण के उपाय विस्तार से परिचर्चा आयोजित की गई।
कार्यक्रम का उद्घाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रनिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. पंकज कुमार ने किया। मौके पर उन्होंने कहा कि मानव के लिए जितना शारीरिक स्वास्थ्य आवश्यक है, उससे कहीं अधिक मानसिक स्वास्थ्य जरूरी है। उन्होंने नशापान से होने वाले नुकसान की चर्चा करते हुए लोगों से नशा का त्याग करने की अपील की। एनसीडी सेल के क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट तेतरा कुमार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पर कोविड-19 एवं मानसिक स्वास्थ्य और नशापान व इसका मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा करते हुए कहा कि मानसिक बीमारी की शुरुआती दौर में पहचान हो जाने पर रोगी को कम समय व कम खर्चे में ठीक किया जा सकता है। इसलिए मानसिक बीमारी की जल्द से जल्द पहचान कर उसका इलाज कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, गुस्सा करना, अकेले में बात करने करना, अकेले में जोर-जोर से हंसना व रोना, तनाव में रहना, अ²श्य व्यक्ति/भगवान की आवाज सुनाई देना/दिखाई देना आदि लक्षण हो तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। कार्यक्रम एनसीडी सेल के नोडल पदाधिकारी डा. आर. प्रसाद के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के सफल आयोजन में बीपीएम सुनीता दास, रोहित जॉन तिग्गा, पूनम एक्का, प्रभा केरकेट्टा व अन्य ने सराहनीय भूमिका निभाई।