हर्षोल्लास के साथ मनाई गई मकर संक्रांति
जिलेभर में मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक रीति-रिवाज और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
जागरण संवाददाता, खूंटी : जिलेभर में मकर संक्रांति का पर्व धार्मिक रीति-रिवाज और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण कहीं भी मेला का आयोजन नहीं किया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद दान-पुण्य किया। हर घर में तिल व गुड़ की सुगंध फैली हुई थी। श्रद्धालुओं ने सुबह सूरज निकलने से पहले स्नान कर भगवान की स्तुति की और तिल, गुड़, लड्डू, कंबल, खिचड़ी सहित अन्य वस्तुओं का दान कर पुण्य लाभ कमाया। मकर संक्रांति पूरे भारत और नेपाल में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। झारखंड के अधिकांश क्षेत्र में मकर संक्रांति पर टुसू पर्व मनाया जाता है। खूंटी जिले के अड़की व खूंटी प्रखंड के कुछ भागों में टुसू का उल्लास रहता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारंभ होती है। तजना नदी तट पर हुआ गायत्री यज्ञ
गायत्री परिवार खूंटी शाखा द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर शुक्रवार को तजना नदी के तट पर गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री साधक अमित किरण द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण गुरु वंदना से हुआ। तत्पश्चात गायत्री परिवार खूंटी शाखा के ब्रह्मवादिनी बहनों सीमा सिंह, ब्यूटी मिश्रा व विभूति कश्यप ने वेद मंत्रों के उच्चारण द्वारा सामूहिक यज्ञ अनुष्ठान संपन्न कराया। मौके पर स्थानीय परिव्राजक मदन मोहन गुप्ता ने वेद मंत्रों के भावपूर्ण सार की विवेचना तथा यज्ञीय कर्मकांडों की जीवन में महत्ता को बताते हुए कहा कि हमारे ऋषि मनीषियों ने जीवन के विभिन्न सोपानो को अपने दिव्य ²ष्टि से समझा और जीवन के स्वर्णिम सूत्रों को यज्ञीय कर्मकांडों का रूप दिया। सामूहिक यज्ञ अनुष्ठान के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी, दही चूड़ा व तिलकुट आदि प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में वार्ड पार्षद अनूप साहू, बालमुकुंद कश्यप, रोशन लाल शर्मा, जितेंद्र कश्यप, संजीव चौरसिया, वीणा पटेल, आंचल मिश्रा, हरि नारायण साहू आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार खूंटी शाखा के संस्थापक सदस्यों में से एक डॉक्टर देवेंद्र नाथ साहू ने दशकों पूर्व मकर संक्रांति के अवसर पर तजना नदी के तट पर गायत्री यज्ञ अनुष्ठान कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत की थी। उस परंपरा को आज भी गायत्री साधकों द्वारा श्रद्धा पूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। सिरकाड़ीह में परंपरा के अनुसार हुआ फौदी खेल
खूंटी जिले के अड़की प्रखंड अंतर्गत सिरकाडीह गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर फौदी खेल का आयोजन किया गया। वर्षों की परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए गांव के हर घर के सदस्य बुढे, जवान व बच्चे खेल में हिस्सा लेते हैं। इस खेल में लकड़ी का गेंद बनाया जाता है। जिसे गांव के अंतिम सीमाने से लकड़ी के डंडे से मार-मारकर गांव के गली चौराहे में घुमते है। इस दौरान महिलाएं पानी छिटककर व पैर धोकर सभी का स्वागत करती हैं। अंतिम में सभी मौजा मालिक सह ग्राम प्रधान के घर जाते है। जहां ग्राम प्रधान द्वारा यथा शक्ति सभी को पकवान खिलाया जाता है। मौके पर मौजा मालिक देवनंदन सिंह मुंडा, ग्राम प्रधान रोहित सिंह मुंडा, राजू सिंह मुंडा, खिरोद सिंह मुंडा, श्याम लाल लोहरा, कृष्णा प्रमाणिक, जंगल सिंह मुंडा, गुरुचरण सिंह मुंडा, करन सिंह मुंडा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।