गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीकरण व एएनसी जांच कराएं : सिविल सर्जन
जागरण संवाददाता खूंटी
गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीकरण व एएनसी जांच कराएं : सिविल सर्जन
जागरण संवाददाता, खूंटी : सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में सोमवार को सिविल सर्जन डा. अजीत खलखो की अध्यक्षता में मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए समीक्षात्मक बैठक हुई। बैठक में सिविल सर्जन ने मातृ मृत्यु के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा कि जब किसी महिला की गर्भावस्था में होने वाली किसी बीमारी के चलते या प्रसव होने के 42 दिनों के अंदर मृत्यु हो जाए तो उसे मैटरनल डेथ (मातृ मृत्यु) कहेंगे। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताएं मैटरनल डेथ के लिए अधिक जिम्मेदार हैं। मातृ मृत्यु होने के मुख्य कारणों रक्तस्राव, संक्रमण, एनीमिया, गर्भपात के दौरान समस्याएं, अन्य बीमारियां महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, यूरिन में प्रोटीन, अचानक वजन का बढ़ना, हार्ट की बीमारियां, हेपेटाइटिस आदि बहुत खतरनाक हो सकता है। इन बीमारियों का सही समय पर इलाज न कराना मैटरनल डेथ का कारण बनता है। इन सभी कारणों को रोकने के लिए उपस्थित सभी अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को उन्होंने निर्देश दिया कि गांव स्तर पर सभी गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीयन, एएनसी जांच, आयरन गोली का वितरण तथा अति जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को समय रहते जिला अस्पताल में रेफर करें।
यूनिसेफ की प्रतिनिधि अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में पांच माताओं की मृत्यु हुई है। इसको रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। प्रशिक्षण में उपस्थित जिला कार्यक्रम प्रबंधक काननबाला ने बताया कि अगले माह उपायुक्त महोदय की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक की जाएगी। बैठक में जिला कार्यक्रम समन्वयक उदयन शर्मा, जिला डाटा प्रबंधक श्वेता सिंह, प्रधान लिपिक सुनीता दास, सभी प्रखंड के प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रबंध डाटा प्रबंधक, एसटीटी, बीटीटी व सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित थे।