मनोयोगपूर्वक ध्यान करने से होती है परमात्मा की प्राप्ति : महाराज
जासं खूंटी महर्षि
मनोयोगपूर्वक ध्यान करने से होती है परमात्मा की प्राप्ति : महाराज
जासं, खूंटी : महर्षि मेंही आश्रम शबरी कुटिया शांतिपुरी मुरहू में आयोजित तीन दिवसीय विशेष सत्संग कार्यक्रम का समापन रविवार को हुआ। तीसरे और अंतिम दिन के अपने प्रवचन में स्वामी प्रमोद जी महाराज ने कहा कि सत्संग से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मनोयोगपूर्वक ध्यान करने से परमात्मा की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि ईश्वर दर्शन करनेवाले का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। स्वामी निर्मलानंद जी महाराज ने कहा कि पाप लोहे की जंजीर है, दुख-कष्ट है और पुण्य सोने की अर्थात सुख सुविधा शांति की। स्वामी सत्यप्रकाशजी महाराज ने कहा कि कर्मफल सभी को भोगना पड़ता है। राजा विक्रमादित्य के घोड़े ने एक खेत से भुट्टा खा लिया था, जिसके पाप का प्रायश्चित उनको करना पड़ा। स्वामी परमानंद जी महाराज ने कहा कि कछुई जल में रहती है और अंडा थल पर देती है, जिसको अपने ध्यान से जल से ही सेती रहती है। मनुष्य को भी अपना कर्म करते हुए ध्यान व भजन करना चाहिए। इनके अतिरिक्त स्वामी नरेंद्र जी महाराज, स्वामी लक्ष्मण जी महाराज, स्वामी श्याम बाबा, स्वामी बालकृष्ण बाबा, आलोक बाबा, लोदरो बाबा, सोमनाथ ब्रह्मचारी, मुरलीधर आदि ने भी सत्संग ध्यान की महिमा का बखान किया। मौके पर डा. धर्मेंद्र नाथ तिवारी, डा. रमेश वर्मा, संजय कुमार, सगुन दास, जूरन मुंडा, गणपति ठाकुर, बीरू कुमार, गोला मुंडा, सोनामुनी देवी, रामहरि साव सहित काफी संख्या में सत्संगी उपस्थित थे।