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बिरहोरों ने की दस एकड़ खेत में लेमनग्रास की खेती

जिले के तेलंगाडीह गाव में रहने वाले 19 बिरहोर परिवारों ने पहली बार लेमनग्रास की खेती की। उनके द्वारा लेमनग्रास लगाने का काम बुधवार को पूरा कर लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:15 AM (IST)
बिरहोरों ने की दस एकड़ खेत में लेमनग्रास की खेती
बिरहोरों ने की दस एकड़ खेत में लेमनग्रास की खेती

खूंटी : जिले के तेलंगाडीह गाव में रहने वाले 19 बिरहोर परिवारों ने पहली बार लेमनग्रास की खेती की। उनके द्वारा लेमनग्रास लगाने का काम बुधवार को पूरा कर लिया गया। पिछले 12 दिनों से सभी 19 परिवार के सदस्य बिरहोर कॉलोनी से पाच किमी दूर अपनी जमीन तक पैदल चलकर गए और भूखे-प्यासे रहकर भी लेमनग्रास के पौधारोपण का काम पूरा किया। बिरहोरों ने कुल दस एकड़ खेत में लेमनग्रास कें के पौधे लगाए।

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जिला प्रशासन एवं सेवा वेलफेयर सोसाइटी के बीच जिले में 100 एकड़ में लेमनग्रास की खेती करने को लेकर एक एमओयू हुआ है। इसके तहत बिरहोरों ने लेमनग्रास की खेती की है। अब पाच महीने बाद इसकी पहली कटाई होगी और तेल निकाला जाएगा। बताया गया कि उनकी इस जमीन पर आसवन केंद्र स्थापित होने से बिरहोरों की कमाई लाखों में पहुंच जाएगी। अब बिरहोरों से आसपास के गुडूबुरू व जोजोहातू आदि गावों के लोग भी खाली पड़ी सैकड़ों एकड़ जमीन पर लेमनग्रास की खेती करने का मन बना रहे हैं।

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20 वर्ष से खाली पड़ी थी जमीन

20 साल पहले सरकार ने खूंटी जिले के तेलंगाडीह गाव में बिरहोरों के लिए कॉलोनी बनाई और उनके जीवकोपार्जन के लिए कॉलोनी से पाच किमी दूर जोजोहातु में 12.83 एकड़ जमीन दी थी। कॉलोनी में तो बिरहोर रहने लगे, लेकिन जोजोहातू में मिली जमीन उनके काम नहीं आई। कभी-कभार वे उस जमीन को देखने मात्र जाया करते थे। उक्त जमीन पर आज तक एक कुदाल भी नहीं चली थी। पिछले वर्ष जेएसएलपीएस द्वारा 10 बिरहोरों को लेमन ग्रास समेत अन्य औषधीय पौधों का प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन वे मदद के अभाव में खेती नहीं कर पाए थे। इस बार उपायुक्त शशि रंजनए, डीडीसी अरुण कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी बी. अबरार नीति आयोग के एडीएफ निखिल त्रिपाठी, जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन, सेवा वेलफेयर सोसाइटी की सचिव सविता संगा, देवा हस्सा व सुशील सोय आदि के सहयोग से लेमनग्रास की खेती के क्षेत्र में पहली सफलता मिली है।


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