मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई ठंड
दो दिन से कुहासा के साथ पड़ रही ठंड ने रविवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद विकराल रूप धारण कर लिया। मात्र 15 मिनट तक हुई झमाझम बारिश ने मौसम का रुख बदलकर रख दिया।
खूंटी : दो दिन से कुहासा के साथ पड़ रही ठंड ने रविवार को हुई मूसलाधार बारिश के बाद विकराल रूप धारण कर लिया। मात्र 15 मिनट तक हुई झमाझम बारिश ने मौसम का रुख बदलकर रख दिया। भोर में शुरू हुआ कुहासा सुबह आठ बजे के बाद छंटा। कुहासे के कारण सड़कों पर वाहन चालकों को खासी परेशानी हुई। बिना हेडलाइट जलाए सड़क पर चलना मुश्किल था। दिनभर बादल छाए रहे और भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए। वहीं अपराह्न चार बजे के करीब अचानक मूसलाधार बारिश होने लगी। करीब 15 मिनट तक मूसलाधार बारिश होने के बाद बारिश का वेग कुछ कम हुआ लेकिन रात तक झमाझम बारिश होती रही। बारिश ने मौसम पूरी तरह से सर्द कर दिया।
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प्रशासन ने नहीं की अलाव की व्यवस्था
करीब एक सप्ताह से अच्छी खासी ठंड पड़ रही है, लेकिन नगर पंचायत की ओर से अभी तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। अलाव की व्यवस्था न होने के कारण गरीब और फुटपाथ पर जीवन गुजारने वाले लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। विदित हो कि हर साल सर्दी के मौसम में शहर के प्रत्येक चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की जाती रही है, लेकिन इस बार आधा दिसंबर गुजर जाने के बाद भी शहर में कहीं पर भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
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कंबल वितरण का कार्य भी नहीं हुआ शुरू
हर वर्ष ठंड के मौसम में गरीब व जरूरतमंद लोगों के बीच प्रशासन एवं सामाजिक संगठनों की ओर से कंबल वितरित किए जाते रहे हैं। हालांकि, यह भी एक त्रासदी है कि कंबल वितरण अधिकतर सर्दी समाप्त होने के दौरान किए जाते हैं। इसके चलते जरूरतमंद लोगों को उसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। लगता है कि इस बार भी जिला प्रशासन व सामाजिक संगठनों को सर्दी समाप्त होने के दौरान ही कंबल वितरण की याद आएगी। आम लोगों का कहना है कि कंबल वितरण कार्य सर्दी की शुरुआत में किया जाए तो उसका लाभ मिले लेकिन लगता है कि कंबल वितरण गरीबों की जरूरत के लिए नहीं बल्कि खाली कोरम पूरा करने के लिए किया जाता है।
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बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
बेमौसम बारिश ने किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी हैं। देर से धान की रोपाई होने के कारण अधिकतर किसानों के खेतों में धान की कटाई अभी नहीं हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी अशोक सम्राट ने बताया कि खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को इस बारिश से भारी नुकसान हो सकता है। जिन किसानों ने धान की कटाई कर ली है पर धान अभी खलिहान में ही पड़ा है, ऐसे में उन्हें कम नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि गेहूं के लिए बारिश से कोई खतरा नहीं है लेकिन अधिक बारिश से आलू की फसल को नुकसान पहुंचेगा।