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जो सुख में है, वह भी सुखी नहीं : शुकामृत दास

हरे कृष्ण प्रचार केंद्र खूंटी में रविवार को एकदिवसीय भगवत गीता प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 07:50 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 06:19 AM (IST)
जो सुख में है, वह भी सुखी नहीं : शुकामृत दास
जो सुख में है, वह भी सुखी नहीं : शुकामृत दास

खूंटी : हरे कृष्ण प्रचार केंद्र, खूंटी में रविवार को एकदिवसीय भगवत गीता प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन अंतराष्ट्रीय कृष्ण भावना मृत संघ इस्कॉन के कृष्ण भक्त कथा वाचक शुकामृत दास ने किया।

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कथा वाचक शुकामृत दास ने प्रवचन करते हुए कहा कि सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जो सुख में है, वह भी सुखी नहीं है और जो दुख में है वह भी सुखी नहीं है। इसके बीच के अंतर को ही लोग सुख मान बैठे हैं। यह इंद्रियों के संसर्ग से उत्पन्न होते हैं। एक बुद्धिमान मनुष्य ऐसी भोगों में कभी आनंद नहीं लेता, जिसका आदि और अंत होता है। उन्होंने कहा कि इस भौतिक जगत में सारे जीव भगवान श्रीकृष्ण के शाश्वत अंशXहैं। बध जीवन के कारण वे छह हो इंद्रियों से घोर संघर्ष कर रहे हैं। अगर हमें पूर्ण आनंदित होना है तो पांचों ज्ञान इंद्रियों आंख, नाक, कान, जिह्वा व त्वचा को भगवान की सेवा में तत्काल लगा देना चाहिए।

मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच भगवद्गीता एवं भगवान नाम की माला भक्तों को दी गई। कार्यक्रम के उपरांत सभी भक्तजनों के बीच पूरी, सब्जी, सलाद, फल, शरबत कृष्ण महाप्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम में वार्ड नंबर 6 की पार्षद कंचन देवी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थीं। साथ कुंजला, हुटार व हुरलंग गांव के ग्रामीणों समेत बड़ी संख्या में कृष्ण भक्तों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वार्ड पार्षद सोनामती देवी, सोनी देवी, अभिषेक प्रभु, चंदन प्रभु, पंकज प्रभु, गुड़िया माताजी व बंधनी माताजी का अहम योगदान रहा।


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