ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रही खराब पड़ी जलमीनार
अड़की धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलीहातु के विकास की बात प्रशासन बार-बार करता है लेकिन यहां कितना विकास हुआ इसकी हकीकत तो यहां के ग्रामीण ही बयां कर सकते हैं। बात तो वि
अड़की : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलीहातु के विकास की बात प्रशासन बार-बार करता है लेकिन यहां कितना विकास हुआ इसकी हकीकत तो यहां के ग्रामीण ही बयां कर सकते हैं। बात तो विकास की होती है पर यहां के ग्रामीणों को स्वच्छ जल तक मुहैया नहीं है।
गांव में बनी जल मीनार खराब हो गयी है। इसके चलते ग्रामीण कच्चे कुएं का प्रदूषित पानी पीने को विवश हैं लेकिन प्रशासन को यह दिखाई नहीं दे रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जिला पेयजल व स्वच्छता विभाग को आवेदन देकर जलमीनार को सही कराने की मांग की जा चुकी है मगर विभागीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनकी लापरवाही गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते गांव के सैकड़ों परिवार के लोग कच्चे कुएं का प्रदूषित पानी पी रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि छह माह पूर्व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस उलीहातु पहुंचे थे, तब विभाग की ओर से टैंकर से पानी लाया गया था। उस वक्त मंत्री ने कहा था कि उलीहातु क्षेत्र में पेयजल और सिचाई सुविधा की समुचित व्यवस्था की जाएगी परंतु अभी तक खराब पड़ी जल मीनार की मरम्मत भी नहीं हो सकी है। यह स्थिति केवल उलीहातु की ही नहीं है अपितु प्रखंड में दर्जनों जगह जलमीनार खराब पड़ी है परंतु बनाने वाले संवेदक और पेयजल स्वच्छता विभाग को जनता की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। संवेदकों का तो कहना है कि जब हम ऊपर तक मैनेज करते हैं तो फिर किसी की क्यों सुनेंगे। हम तो अपने हिसाब से काम करेंगे। यही हाल सोलर पानी टंकी और चापानल का भी है। जहां जो खराब हो गया वह खराब ही पड़ा है।
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कन्या विद्यालय में छह माह से खराब है सोलर पानी टंकी
अड़की प्रखंड अंतर्गत उलीहातु के कन्या विद्यालय में सोलर पानी टंकी पिछले छह माह से खराब पड़ी है विद्यालय प्रबंधन द्वारा पेयजल विभाग को कई बार सोलर टंकी के बिगड़ने की जानकारी दिए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। फलस्वरूप विद्यालय में पढ़ रही 60 बच्चियों को अपने घर से बोतल में पानी लेकर आना पड़ रहा है। इस समस्या का बारे में बाड़ीनिजकेल पंचायत समिति सदस्य सुमन पूर्ति ने दो माह पहले प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम प्रसाद साहू को आवेदन दिया लेकिन स्थिति जस की तस है। यही हाल गांव की जलमीनार का भी है जो आठ-नौ महीने से खराब पड़ी हुआ है।