विकास की धीमी गति से निराशा
चुनाव का नाम आते ही लोग मुखर हो जाते हैं। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। उग्रवाद प्रभावित अड़की प्रखंड में व्यापक पैमाने पर विकास कार्य हुए हैं। सुदूर गांवों तक सड़कों का जाल बिछ गया है।
अड़की : चुनाव का नाम आते ही लोग मुखर हो जाते हैं। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। उग्रवाद प्रभावित अड़की प्रखंड में व्यापक पैमाने पर विकास कार्य हुए हैं। सुदूर गांवों तक सड़कों का जाल बिछ गया है। बड़ी संख्या में लोगों को बिजली, पानी की सुविधा मिल गई है। लेकिन, आज भी तमाम गांव ऐसे हैं जहां इक्का दुक्का ही विकास कार्य नजर आ रहे हैं। नेताओं से अपेक्षा एवं विकास योजनाओं का हाल जानने के लिए बुधवार को दैनिक जागरण की ओर से प्रखंड की सोसोकुटी पंचायत में चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधि व सरकारी योजनाओं पर खुलकर अपनी बात रखी।
चुनावी चर्चा के दौरान सोसोकुटी हेसाहातु के मोहन सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार द्वारा तमाम विकास कार्य किए जा रहे हैं। हमारे प्रखंड में भी बहुत से विकास कार्य हुए हैं लेकिन विकास कार्यों की गति इतनी धीमी है कि हमारी पंचायत तक विकास की किरणें नहीं पहुंच सकी हैं। सोसोकुटी पंचायत में हेसाहातु, सोसोहातु, कोचासिदरी, बारुलता न सोसोकुटी पांच टोला हैं। इन पांचों टोलों में विकास नजर नहीं आता है। हम ऐसा विधायक चाहते हैं, जो तेज गति से विकास कार्य कराए। ग्राम प्रधान असमान मुंडा ने कहा कि हमारे गांव टोला में मरांगपीडी की ओर से सालगीटुगरी होते हुए कोचासिदरी तक लगभग एक किलोमीटर सड़क बनी है। इसके सिवाय हमारे गांव टोला में और कुछ भी विकास कार्य नहीं हुआ है।
शिवनारायण मुंडा ने कहा कि बारुलता टोला में लंबे समय से पेयजल का संकट है। सड़क भी नहीं बनी है। जनप्रतिनिधि वायदे तो बहुत करते हैं लेकिन चुनाव के बाद सबकुछ भूल जाते हैं। हम ऐसा जनप्रतिनिधि चाहते हैं जो हमारी समस्या को अपनी समस्या समझे। नंदकिशोर मुंडा ने कहा कि हेसाहातु से सिदरी तक सड़क नहीं है। इसलिए हमें आवागमन करने में बहुत परेशानी होती है। साथ ही पुलिया के न होने से बरसात में अत्यधिक परेशानी होती है। अबकी बार जो भी विधायक बनेगा उससे हमारी यही अपेक्षा है कि हमारे गांव टोला की समस्याओं का निदान करे। गुरुचरण मुंडा ने कहा कि हमें ऐसा जनप्रतिनिधि चाहिए जो हमारी बेरोजगारी को दूर करने की दिशा में काम करे। ग्रामीणों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन खेती और पशुपालन है। इसलिए ऐसा विधायक बने जो कृषि व पशुपालन को बढ़ावा दे ताकि लोगों को परिवार चलाने में सहयोग मिल सके। बुधनलाल मुंडा ने कहा कि यह सरकार तो अच्छा काम कर रही है लेकिन निचले स्तर के अधिकारियों व बिचौलियों की मिलीभगत से हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। आज की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। यदि पशुपालन व खेती से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाय तो बेरोजगारी को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है।