नॉलेज सिटी व बाईपास का निर्माण जरूरी
विधान सभा चुनाव के दौरान मतदाताओें का मूड मिजाज जानने जागरण की टीम मंगलवार को तिरला पंचायत अंतर्गत बगड़ू गांव पहुंची। नगर पंचायत की सीमा से सटे बगड़ू गांव में प्रवेश करते
खूंटी : विधान सभा चुनाव के दौरान मतदाताओें का मूड मिजाज जानने जागरण की टीम मंगलवार को तिरला पंचायत अंतर्गत बगड़ू गांव पहुंची। नगर पंचायत की सीमा से सटे बगड़ू गांव में प्रवेश करते ही पीसीसी रोड में बह रहे नाली के गंदे पानी से सामना हो गया। गांव में जहां-तहां गंदगी भी नजर आ रही थी। जागरण की टीम गांव के अंतिम छोर में स्थित मुंडा टोली जाकर रुकी। वहां पहले से खड़े ग्रामीण सुबह की पहली धूप सेंक रहे थे। पास में स्थित चबूतरे पर कुछ ग्रामीण बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। जागरण की टीम ने जब ग्रामीणों से गांव के विकास व विधान सभा चुनाव के संबंध में बात शुरू की तो ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बातों को रखा।
हरिहर महतो ने बताया कि प्रत्येक चुनाव में ग्रामीण बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लेते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि गांव में ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आता है। इसके बावजूद हम लोगों में वोट के प्रति उत्साह रहता है।
राम महतो ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व बाईपास के निर्माण को लेकर गांव में ग्रामसभा हुई थी। तब ग्रामीणों ने स्वेच्छा से अपनी जमीन बाईपास के लिए देने की सहमति दे दी थी। ग्रामीणों का मानना है कि बाईपास का निर्माण होने से गांव का चहुंमुखी विकास होगा और रोजगार के साधन सृजित होंगे। लेकिन, बाईपास का निर्माण क्यों अधर में लटक गया यह समझ में नहीं आ रहा है।
छुनकू मुंडा ने कहा कि सरकार की मंशा हर गरीब को सुविधाएं प्रदान करने की है। यही कारण है कि एक से बढ़कर एक योजना आ रही हैं। गांव के ग्रामीण भी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। अधिकतर ग्रामीणों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिल चुका है। लगभग सभी ग्रामीणों का गोल्डेन कार्ड बन चुका है। गांव के भीतरी ओर पांच-छह सौ फीट लंबी सड़क का निर्माण यदि हो जाए तो ग्रामीणों को चुआं से पानी लाने समेत अन्य कार्यों में सुविधा हो जाएगी।
सनिका मुंडा ने कहा कि उज्जवला योजना, आवास योजना समेत कई योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिला है। गांव में बिजली व पानी की समुचित सुविधा है। लेकिन जल निकासी का कोई जरिया नहीं है। गांव में नाली न होने से लोगों के घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। बारिश के दिनों में भारी परेशानी होती है। इसलिए पक्की नाली का निर्माण कराया जाना चाहिए।
भोलानाथ राम ने बताया कि गांव में स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीणों को शौचालय तो मिला लेकिन बिचौलियों ने अधिकतर शौचालयों का निर्माण कार्य अधूरा ही छोड़ दिया है। शौचालय के साथ जो सॉकपिट बनाई गई है, उसमें सिर्फ गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। इस कारण ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। अभी भी अधिकतर ग्रामीण खुले में शौच करने को विवश है। इसके बावजूद हमें लगता है कि यही सरकार दोबारा बने ताकि विकास कार्य रुकें नहीं।
किदू मुंडा ने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं उपयोगी हैं लेकिन बिचौलियों के कारण उसका उचित लाभ हमें नहीं मिल पाता है। सरकार यदि बाईपास का निर्माण करा दे तो बगड़ू के ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे और गांव का विकास भी होगा।
बुधवा मुंडा ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास तो दे रही है लेकिन उसके लिए मिलने वाली राशि कम है। गांव में आवास के लिए एक लाख 30 हजार रुपये मिलते हैं वहीं शहरी क्षेत्र में आवास के लिए दो लाख 30 हजार रुपये मिलते हैं। जबकि आवास निर्माण के लिए सामग्री लाने में हमें शहर की अपेक्षा अधिक भाड़ा देना पड़ता है। यह समझ में नहीं आता है कि जब शहर में निर्माण सामग्री नजदीक में ही मिल जाती है और गांव के लोगों को दूर शहर जाकर सामग्री लानी पड़ती है। यानि हमारा खर्च अधिक होता है तो फिर अनुदान राशि कम क्यों दी जाती है। अनुदान राशि कम मिलने से ग्रामीण अपने आवास का निर्माण पूरा नहीं कर पाते हैं।
कमला मुंडा ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही लगभग सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। यह अलग है कि निचले स्तर पर अधिकारियों व बिचोलियों की मिलीभगत से हमें पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। फिर भी इस सरकार के कार्यकाल में जितने विकास कार्य हो रहे हैं, वह पहले नहीं होते थे। इसलिए इसी सरकार को हमें आगे भी बनाए रखना है।
बुधु मुंडा ने कहा कि वर्षों पूर्व गांव से सटे सीमाना पर नॉलेज सिटी बनाने की बात हुई थी। इसके लिए सरकार ने सैकड़ों एकड़ जमीन भी अधिग्रहीत कर ली लेकिन वर्षों बाद भी नॉलेज सिटी धरातल पर नहीं उतर सकी। नॉलेज सिटी की स्थापना हो जाने से आसपास के गांवों का कायाकल्प हो जाएगा। साथ ही पूरे जिले के बच्चों को उच्च शिक्षा मिल सकेगी। हम चाहते हैं कि अबकी बार हमारे जनप्रतिनिधि नॉलेज सिटी का निर्माण अवश्य करा दें।