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बकरी पालन कर स्वावलंबी बनीं सोनमईत देवी

रनिया प्रखंड अंतर्गत गरकेला ग्राम निवासी सोनमईत देवी अपने पति के साथ मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती थीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:49 PM (IST)
बकरी पालन कर स्वावलंबी बनीं सोनमईत देवी
बकरी पालन कर स्वावलंबी बनीं सोनमईत देवी

खूंटी : रनिया प्रखंड अंतर्गत गरकेला ग्राम निवासी सोनमईत देवी अपने पति के साथ मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती थीं। सालों भर काम नहीं मिलने के कारण घर की माली हालत काफी खराब थी। पति का निधन होने से वह और असहाय हो गई। साथ में एक छोटे बच्चे की भी देखभाल करना उसके जीवन में परेशानियों को और बढ़ाता गया। विपरीत परिस्थितियों में उसे उम्मीद की किरण तब मिली जिला प्रशासन के सहयोग से पशुपालन विभाग द्वारा बकरी पालन की जानकारी दी गई। आज स्थिति यह है कि उसके जीवन में बदलाव आ गया और स्वावलंबी बनकर अब वह अपने परिवार का पालन-पोषण करने में सक्षम हो रही है।

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बकरी पालन के व्यवसाय की तरफ लगाव और सक्रिय प्रयास से कम खर्च में आय का साधन सुनिश्चित हो सका। इसके साथ ही इन्हें विभाग द्वारा बकरी पालन का प्रशिक्षण रांची में दिया गया और सरकार की ओर से विधवा सम्मान योजना के तहत (4+1) बकरी उपलब्ध कराई गई। इसकी पूर्ण देखभाल की गई और अब उनके पास 28 बकरियां हैं। विभाग द्वारा बकरी में होने वाली महामारी (पीपीआर) का टीकाकरण निश्शुल्क साल में दो बार दिया जाता है। साथ ही निश्शुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। समय पर टीकाकरण होने से बकरी में मृत्यु दर बहुत ही कम हो गयी है। सोनमईत देवी बताती हैं कि वह बकरी बेचकर साल में 40-50 हजार रुपये कमा लेती है। इसके लिये वह सरकार व पशुपालन विभाग को धन्यवाद देती है। साथ ही लोगों से अपील करती हूं कि बकरी पालन योजना का लाभ उठाएं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करें।


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