दो दिवसीय जिलास्तरीय कराटे चैंपियनशिप शुरू
आत्मरक्षा के लिए भारत में ही कराटे खेल की शुरुआत हुई थी जिसे बौद्ध भिक्षुओं ने पूरे विश्व में फैलाया।
जागरण संवाददाता, खूंटी : आत्मरक्षा के लिए भारत में ही कराटे खेल की शुरुआत हुई थी, जिसे बौद्ध भिक्षुओं ने पूरे विश्व में फैलाया। यह बात स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कही। वे शनिवार को नगर भवन में जिला कराटे स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय 8वीं खूंटी जिला कराटे चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने खेल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व में खूंटी की पहचान हॉकी से रही है। हॉकी यहां की मिट्टी में रची-बसी है। जिले से अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने विश्व के फलक पर खूंटी का नाम रोशन किया है। अब यहां के कराटेकार भी खूंटी का नाम रोशन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फलक में खूंटी हमेशा दिखाई दे इसके लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि कराटे आत्मरक्षा की विद्या है, जिसमें बिना किसी हथियार के अपनी सुरक्षा करने की कला सिखाई जाती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर व्यक्ति को कराटे की थोड़ी बहुत जानकारी रखना आवश्यक है। इससे जहां शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है वहीं आत्मरक्षा में मदद भी मिलती है। जिलास्तरीय कराटे प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों व कराटे क्लब के लगभग 600 कराटे खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। उदघाटन समारोह से पूर्व सुबह प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने शहर में मार्च निकाला। उदघाटन समारोह में राज्य कराटे एसोसिएशन के महासचिव, आयोजन समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार साबू, नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन पाहन, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मदिराय मुंडा, अश्वनी मिश्रा, आयोजन समिति के सचिव हेजाज असदक, राजकुमार गुप्ता, माधव भाला, अंजनी कुमार मिश्रा, राजकुमार जायसवाल, भीमसिंह मुंडा, संजय अग्रवाल, राजेश तिवारी, प्रदीप कुमार, हरीश कुमार, मनोज कुमार संजय साहू समेत बड़ी संख्या में कराटेकार उपस्थित थे।