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Lok Sabha Election 2019: योजनाओं में बिचौलिया हावी, अधिकारी ध्यान नहीं देते

Lok Sabha Election 2019. जागरण के चुनावी चौपाल में ग्रामीणों का कहना था कि सरकारी योजनाओं का उन्हें पूरा लाभ नहीं मिलता है। क्योंकि बिचौलिए हावी हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 11:00 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: योजनाओं में बिचौलिया हावी, अधिकारी ध्यान नहीं देते
Lok Sabha Election 2019: योजनाओं में बिचौलिया हावी, अधिकारी ध्यान नहीं देते

खूंटी, जागरण संवाददाता। सिमडेगा जिले के कुड़पानी गांव में शुक्रवार को दैनिक जागरण ने चुनावी चौपाल लगाई। इसमें ग्रामीणों ने खुलकर अपनी बातें रखीं। ग्रामीणों का कहना था कि सरकारी योजनाओं का उन्हें पूरा लाभ नहीं मिलता है। क्योंकि बिचौलिए हावी हैं। अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते। इससे हमारी परेशानी बढ़ गई है। योजनाएं अधूरी पड़ी हैं।

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गांव जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यह कोलेबिरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ठेठइटांगर प्रखंड में है। यह पीएलएफआइ के प्रभाव क्षेत्र में आता है। गांव तक अच्छी सड़क बनी है। लेकिन अन्य विकास योजनाओं में अधिकारी या फिर कर्मचारियों ने ही पेंच लगा रखा है। गांव के कुड़पानी भंडारटोली में लगभग 120 घर है।

गांव की महिलाएं योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी रखती हैं। कहती हैं, पुरुष काम करने शहर चले जाते हैं। इसलिए योजनाओं एवं देश-दुनिया की जानकारी हमें ही रखनी होती है। गांव की तेरेसा कुजूर कहती हैं कि योजनाओं की प्रगति से वह संतुष्ट नहीं हैं। सरकार जब योजनाएं लाती हैं तो इसके सफल क्रियान्वयन के लिए पहले ही नीति तय कर लेना चाहिए।

अधिकारी कुछ सुनते नहीं हैं। उन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। गांव के अधिकांश घरों में उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन मिल चुका है। लेकिन इसका उपयोग कम ही हो रहा है। जंगल के कारण लकड़ी सहजता से उपलब्ध है। जबकि सिलिंडर रीफिल करने के लिए ले जाने में काफी फजीहत झेलनी पड़ती है।

गांव के रामचंद्र बड़ाइक, दुखी नायक, पुनिया देवी, पूरन नायक, मदन नायक, फूलो देवी, रामचंद्र बड़ाइक, शंकर बड़ाइक, मतरानी देवी, फूलो देवी, शालिनी देवी आदि का कहना है कि योग्य होने के बाद भी उन्हें वृद्धापेंशन नहीं मिलता है। अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि का पूरा सहयोग नहीं मिलता है। गांव में मात्र पांच-छह लोगों को ही वृद्धापेंशन मिलती है।

महिलाओं ने कहा कि हमलोग चुनाव में ऐसे प्रत्याशी का साथ देंगे, जो बढिय़ा काम करेगा। हालांकि कुछ महिलाओं ने माना कि वोट देने के पूर्व ग्राम समिति से निर्णय लिया जाता है। समिति में लोग विचार-विमर्श कर निर्णय लेते हैं। गांव में मात्र सात-आठ लोगों को ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला है।

उसमें भी पूरे पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। इससे आवास का काम पूरा नहीं हो सका है। गांव के शंकर बड़ाइक एवं सोमारी देवी ने बताया कि उन्हें पीएम आवास के लिए स्वीकृति आदेश मिल गया था। लेकिन बाद में योजना दूसरे लाभुक को दे दी गई।

स्कूल में कक्षा 10 तक, शिक्षक तीन

गांव में उत्क्रमित उच्च विद्यालय है। इसमें वर्ग दस तक की पढ़ाई होती है। लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक मात्र तीन ही हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।

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