किसान राहत कोष से करेंगे किसानों की मदद : कृषि मंत्री
किसानों को मुश्किल दौर में मदद मिले इसके लिए राज्य सरकार ने किसान राहत कोष का गठन किया है। सरकार ने किसानों के सहायता के लिए कोष में एक सौ करोड़ की राशि दी है।
खूंटी : किसानों को मुश्किल दौर में मदद मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने किसान राहत कोष का गठन किया है। सरकार ने किसानों के सहायता के लिए कोष में एक सौ करोड़ की राशि दी है। इस राशि से मुसीबत के दौर में किसानों को सहयोग किया जाएगा। पूर्व की सरकार ने फसल बीमा के नाम पर 493 करोड़ की राशि प्रीमियम के रूप में जमा कराया था, जिसके बदले किसानों को मुआवजा के रूप में 79 करोड़ का भुगतान किया गया। यही भाजपा सरकार का किसान प्रेम है। जनता का पैसा जनता के पास जाए इसके लिए सरकार ने फसल बीमा योजना को ही बंद कर दिया है। ये बातें राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहीं। सोमवार को खूंटी जिले के डूंगरा में आयोजित किसान सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से खूंटी को कृषि के क्षेत्र में उन्नत जिला बनाना है। रासायनिक खाद का प्रयोग बंद कर जैविक खेती करना है। इसके लिए सरकार ने योजना बनाई है, जिसकी शुरुआत खूंटी जिले से किया जाएगा। समारोह का आयोजन नीड्स संस्था द्वारा किया गया था। किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे भी किसान परिवार से हैं और बचपन में कई प्रकार की कठिनाई और परेशानियों को नजदीक से देखा है। अब मौका मिला है मिलजुल कर लोगों के चेहरे पर छायी उदासी को दूर करने का, आंसू पोछने का। रसायन का उपयोग कर हमने खेतों का दोहन किया, जमीन का शोषण किया है। अब हमें जैविक खेती कर जमीन को उपजाऊ बनाने के साथ पैदावार भी बढ़ाना है। सरकार इसके लिए रूपरेखा बना रही है। जल्द ही खूंटी जिले से इसकी शुरुआत की जाएगी।
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कोरोना काल में भी किसानों का कर्ज किया माफ
जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से कराह रहा था, तब झारखंड सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया। एक रुपये लेकर सरकार ने किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ करने का काम किया। इससे नौ हजार सात सौ किसानों को लाभ मिलेगा। किसानों को फिर से कर्ज दिया जाएगा। पशुधन योजना शुरू कर पूर्व की व्यवस्था में बदलाव किया। पहले गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को ही पशुधन मिलता है, अब सभी को इसका लाभ मिलेगा। इसके पूर्व कृषि मंत्री ने समारोह स्थल पर किसानों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया और उत्पाद की जानकारी ली। उन्होंने किसानों का पैदावार देखकर उनकी सराहना की।