अब खूंटी में अफीम के कलंक को मिटाएगी जिरेनियम की खेती
खूंटी अफीम की खेती करने के लिए जाना जानेवाला खूंटी में अब अफीम के बदले जिरेनियम की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। रविवार को कुंजला स्थित सलेश्वरी भवन में सेवा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत कई किसानों को जिरेनियम समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती के गुर सिखलाए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ए शर्मा ने की और संचालन एस ठाकूर ने किया। कार्यक्रम के दौरान सचिव एस भेंगरा देवा हस्सा प्रशिक्षक के रूप में औषधीय पौधों की विशेषज्ञ बरदानी लकड़ा और सुमन बारला
खूंटी : अफीम की खेती करने के लिए जानी जानेवाली खूंटी में अब अफीम के बदले जिरेनियम की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। रविवार को कुंजला स्थित सलेश्वरी भवन में सेवा वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत कई किसानों को जिरेनियम समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती के गुर सिखलाए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ए शर्मा ने और संचालन एस ठाकुर ने किया। कार्यक्रम के दौरान सचिव एस भेंगरा, देवा हस्सा, प्रशिक्षक के रूप में औषधीय पौधों की विशेषज्ञ बरदानी लकड़ा और सुमन बारला ने किसानों को स्थानीय और सहज भाषा में जिरेनियम समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती से संबंधित व्यापक जानकारियां दी। प्रशिक्षकों ने कहा कि जिरेनियम की खेती प्रयोग के तौर पर खूंटी के कपरिया में जिरेनियम की खेती की गई, जो सफल हुई है। 25 डिसमिल खेत में लगी फसल से तीन लीटर तक तेल निकलता है, जिससे किसान को पचास हजार रुपये प्राप्त होते हैं। लेमन ग्रास से तेल निकालने का प्लांट अनिगड़ा में लगाया गया है, जहां हाल में ही 50 लीटर तेल की उत्पादन किया गया। कालामाटी में 50 एकड़ में तुलसी की खेती की गई है। इस खेती को अच्छी तरह से करने पर किसान निश्चित तौर पर मालामाल होंगे। उनकी आय दोगुनी नहीं दस गुनी होगी।
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समाज में ऐसा काम कतई न करें, जिससे हो बदनामी
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमारा फर्ज है कि हम परिवार और समाज के उज्जवल भविष्य के संबंध में चिता करें, लेकिन इसके लिए यह काम कतई नहीं करना है, जिससे हमारा समाज और राष्ट्र की बदनामी हो। जिस खेती से परिवार और समाज को लाभ हो। हमारा समाज बदनाम और बर्बाद ना हो। ऐसे कार्यों के साथ आगे बढ़ना होगा। मुंडा ने कहा कि जानकारों का कहना है कि जिरेनियम की खेती पहाड़ी इलाकों में होती है और इसकी खेती में काफी मुनाफा भी है। इसी बात पर राज्य सरकार द्वारा खूंटी में जिरेनियम समेत अन्य औषधीय पौधों तुलसी, मेंथा, लेमनग्रास समेत अन्य औषधीय पौधों की खेती व्यापक तौर पर प्रारंभ कराई जानी है। ताकि, किसानों के जीवन में खुशहाली आ सके। इस अवसर पर खूंटी, मुरहू, तोरपा, कर्रा और अड़की प्रखंडों से आए बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। कार्यक्रम में मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के अलावा जिला बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ओपी कश्यप, मुरहू प्रखंड बीस सूत्री के अध्यक्ष काशीनाथ महतो शामिल हुए।