सोहराई पर कर्रा के डाड़ी में डाइर जतरा आयोजित, उमड़ी भीड़
कुछ लोग आदि सनातन धर्म और संस्कृति को नष्ट करने का कुचक्र लगातार रच रहे हैं जिससे हमें बचाने की आवश्यकता है।
कर्रा : कुछ लोग आदि सनातन धर्म और संस्कृति को नष्ट करने का कुचक्र लगातार रच रहे हैं जिससे हमें बचाने की आवश्यकता है। धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर हम सभी को मिलकर बचा के रखने की आवश्यकता है जिसे नष्ट करने के लिए लोग घात लगाए बैठे हैं। उक्त बातें केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्री अर्जुन मुंडा के जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहीं। कर्रा प्रखंड के डाड़ी गांव में पारंपरिक डाइर जतरा का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि जतरा पुराने परंपरा को बचाकर रखा है। कर्रा प्रखंड अंतर्गत डाड़ी गांव वर्षों से पारंपरिक डाइर जतरा का आयोजन किया जा रहा है। उद्घाटन के पूर्व आयोजन समिति द्वारा मुख्य अतिथि मनोज कुमार को गाजे-बाजे के साथ पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए मंच तक पहुंचाया।
डाइर जतरा सोहराई पर्व के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष डाड़ी गांव के टोंगरी में लगाया जाता रहा है। पारंपरिक जतरा में क्षेत्रीय नाच प्रतियोगिता भी हुआ। जिसमें पांच गांव के लोग पारंपरिक वेशभूषा और गाजे-बाजे के साथ नृत्य प्रतियोगिता में शामिल हुए। प्रतियोगिता के विजताओं को पुरस्कृत किया गया। डाड़ी गावं के डाइर जतरा में पचीस तीस गांवों के लोग शामिल होते हैं। इस बार भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ रही। मेला में कतारी (ईख) की बिक्री खूब रही। जतरा के आयोजन में अध्यक्ष विक्रम नाग, उपाध्यक्ष दीपक महतो, कोषाध्यक्ष भीखा मुंडा, मुखिया बंधना उरांव, सुदर्शन भोक्ता, कर्मा धान, विमल होरो, प्रह्लाद मुंडा, बुधु धान, रिझा मुंडा, उदय उरांव, सुकरा मुंडा, सुनील प्रधान, विजय संगा, गंदुरा उरांव, गोहला पाहन समेत कई लोग की महती भूमिका रही।