बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार
बुढ़मू आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों का मुकाबला कर रही हैं। यहां तक कि पुरानी परंपराओं को तोड़ने में भी पीछे नहीं रह रही हैं। ऐसा ही एक नजारा प्रखंड क्षेत्र के उमेंडंडा गांव में देखने को मि
संवाद सूत्र, बुढ़मू : आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों का मुकाबला कर रही हैं। यहां तक कि पुरानी परंपराओं को तोड़ने में भी पीछे नहीं रह रही हैं। ऐसा ही एक नजारा प्रखंड क्षेत्र के उमेंडंडा गांव में देखने को मिला।
उमेंडंडा निवासी 65 वर्षीय लिटू साहू की मौत अचानक घर में ही हो गई। लिटू साहू के छह बेटियां हैं। पिता की मौत की खबर पाते ही बेटियां गांव आ पहुंचीं। इन बेटियों के क्रंदन ने पूरे गांव को रुला दिया। लिटू साहू का बेटा नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार में परेशानी हो रही थी। सामाजिक नियमों के मुताबिक पिता को मुखाग्नि बेटा ही देता है। इस प्रथा के कारण दामाद ने ससुर को मुखाग्नि दी। इस दौरान सभी बेटियां शव के साथ श्मशान घाट तक गईं और पिता का अंतिम संस्कार होने तक घाट पर ही रहीं।