आजीविका कृषक सखियों ने किया मनरेगा पार्क का भ्रमण, सीखे कृषि के गुर
ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को उन्नत कृषि प्रणाली से अवगत कराने के लिए उनका एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है
आजीविका कृषक सखियों ने किया मनरेगा पार्क का भ्रमण, सीखे कृषि के गुर
जासं, खूंटी : ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को उन्नत कृषि प्रणाली से अवगत कराने के लिए उनका एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को मुरहू की महिला किसानों (आजीविका कृषक सखियों) ने कर्रा प्रखंड के समेकित आजीविका कृषि प्रणाली का भ्रमण कर समेकित आजीविका के संसाधनों के विषय में जानकारी प्राप्त की। फार्म में हॉर्टिकल्चर (उद्यान कृषि), फ्लोरीकल्चर (फूलों की बागवानी), मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन् त एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही हॉर्टिकल्चर के तहत फलदार वृक्ष (पॉमीलॉजी), विभिन्न तरह की सब्जियों (ओलोरीकल्चर) से सम्बंधित कार्यों का महिला किसानों ने अवलोकन कर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्हें बताया गया कि यहां स्ट्रॉबेरी व ड्रैगन फ्रूट की भी खेती यहां की जा रही है। साथ ही किसानों के लिए कृषि संबंधी कार्य को सरल व सुगम बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस दौरान किसानों ने मत्स्य पालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन, कड़कनाथ मुर्गा, बतख पालन के लिए शेड निर्माण, गाय पालन के लिए शेड निर्माण सहित अन्य निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन लिया। बताया गया कि समेकित आजीविका फॉर्म के माध्यम से डेरी से संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है। इसके अतिरिक्त सखी मंडलों के माध्यम से निर्मित—उत्पादित सामग्रियों की सोर्टिंग एवं ग्रेडिंग, मूल्यवर्धन, पैकेजिंग, विपणन आदि के लिए एक विशेष प्रोसेसिंग प्लांट अधिष्ठापन करने की योजना है। समेकित आजीविका कृषि प्रणाली के भ्रमण के दौरान उन्हें कई योजनाओं के सम्बंध में भी जानकारी दी गयी। इस केंद्र में किसानों की सुविधाओं के लिए विभिन्न पौधों के नर्सरी, चूजों के लिए हाइनिंग केंद्र, जैविक खाद, बीज, पशुओं के लिए दवा आदि की आपूर्ति उचित दर पर की जा रही है। आगामी दिनों में यहाँ पलाश प्रसंसकरण केंद्र का अधिष्ठापन कर उत्पादित सामानों के मूल्य वर्धन की योजना बनायी जा रही है। सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयों के माध्यम से समेकित पार्क के सभी कोनों तक सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अलावा नए किस्म के अनाज और औषधीय पौधों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।