डोड़मा में सड़क पर झूल रहे 11 हजार वोल्ट के जर्जर विद्युत तार
आधुनिकता की इस दौड़ में बिजली सिर्फ एक साधन ही नहीं है बल्कि दैनिक जीवन का हिस्सा भी बन चुकी है। इसे देखते हुए सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली देने का वादा किया गया है। इसे लेकर बिजली आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ घर-घर बिजली पहुंचाने का कार्य भी तेज गति से चल रहा है लेकिन सुधार के दावों व सुविधाओं की घोषणाओं के बीच अभी भी कई समस्याएं बरकरार हैं। दशकों से जर्जर पड़े तार व जुगाड़ के सहारे की जा रही बिजली की आपूर्ति के चलते आएदिन हो रहे हादसों के प्रति विभाग पूरी तरह से उदासीन है।
तोरपा : आधुनिकता की इस दौड़ में बिजली सिर्फ एक साधन ही नहीं है बल्कि दैनिक जीवन का हिस्सा भी बन चुकी है। इसे देखते हुए सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली देने का वादा किया गया है। इसे लेकर बिजली आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ घर-घर बिजली पहुंचाने का कार्य भी तेज गति से चल रहा है, लेकिन सुधार के दावों व सुविधाओं की घोषणाओं के बीच अभी भी कई समस्याएं बरकरार हैं। दशकों से जर्जर पड़े तार व जुगाड़ के सहारे की जा रही बिजली की आपूर्ति के चलते आएदिन हो रहे हादसों के प्रति विभाग पूरी तरह से उदासीन है।
गौरतलब है कि खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर डोड़मा मेन रोड तथा डोड़मा चौक से लेकर शिव मंदिर तक वाले इलाके के कई हिस्सों में जर्जर तार सड़क पर इस कदर झूल रहे हैं कि कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। 11 हजार केवीए लाइन की हालत काफी जर्जर है। स्थिति यह है कि आएदिन तार टूटने की घटना होती रहती है। इतना ही नहीं तार इतने जर्जर और नीचे झूल रहे हैं कि कई बार सड़क से गुजरने वाले वाहनों के इसकी चपेट में आने से बड़ी घटना होते-होते टल गई। स्थानीय ग्रामीण बताते है कि डोड़मा में जब से बिजली बहाल हुई है तब से लेकर आज तक 40 वर्षों से विद्युत तार बदले नहीं गए हैं। इस मामले को लेकर कई बार डोड़मा के ग्रामीण बिजली विभाग को लिखित रूप आए आवेदन भी दिया गया परंतु स्थिति जस की तस बनी हुई है। लगता है कि विद्युत विभाग किसी बड़े हादसे के होने का इंतजार कर रहा है और जब कोई दर्दनाक हादसा हो जाएगा, तभी जर्जर तारों को बदला जाएगा।