फाइलों में गुम हो गया विद्यासागर की कर्मभूमि का विकास
करमाटांड़ (जामताड़ा) पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर भले ही अब हमारे बीच नहीं रहे पर यहां
करमाटांड़ (जामताड़ा): पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर भले ही अब हमारे बीच नहीं रहे पर यहां नंदन कानन करमाटांड़ में समाजहित में किए गए उनके कार्य की यादें कण-कण में है। बिहार, बंगाल समेत अन्य राज्यों से लोग उनकी यादों से जुड़ने के लिए यहां आते रहते हैं। इस के साथ लोगों को यहां की बदहाली भी खलती है। नंदनकानन के विकास के बाबत कई बार घोषणाएं हुई। पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने सरकारी भरोसा भी मिला पर अब तक पूरा नहीं हो पाया।
विद्यासागर नंदनकानन परिसर पर मुख्यमंत्री से लेकर सांसद, विधायक सभी आ चुके हैं पर,अपेक्षा अनुरूप इसे विकास की पहल किसी भी तरफ से नहीं हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां पहुंचकर करमाटांड़ प्रखंड का नाम पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर रखने की घोषणा की थी पर यह भी फाइलों में ही गुम हो कर रह गई। विद्यासागर रेलवे स्टेशन को हाईटेक रेलवे स्टेशन बनाने की भी घोषणा की थी।
इधर विद्यासागर स्मृति रक्षा समिति के लोगों ने बताया कि पूर्व के मुख्यमंत्रियों की ओर से किसी तरह की पहल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। वर्तमान सरकार से यही अपेक्षा है कि विद्यासागर नंदनकानन को पर्यटक स्थल का दर्जा दे।
--क्या कहते हैं समिति के सदस्य :
---कोरोना के कारण वर्तमान झारखंड सरकार से मिल कर विकास की मांग नहीं रखी जा सकी है। समिति की पूरी टीम मुख्यमंत्री से मिलकर पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने को वार्ता करेगी। -- देवाशीष मिश्रा
---नंदन कानन को जब तक पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिलेगा, समिति के लोग अपना प्रयास जारी रखेंगे। --चंदन मुखर्जी
---नंदनकानन के प्रति वर्तमान सरकार व पूर्व की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण इसे पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल पाया है। ---राजेश मंडल
---हम सबों के लिए गौरव की बात है कि हम लोग पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि से जुड़े करमाटांड़ निवास करते हैं। विकास करने से सरकार का भी नाम होगा। ---ज्योति साव