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दो शिक्षकों ने जेपीएससी में सफलता का परचम लहराया

विद्यासागर (जामताड़ा) जीवन कैसे-कैसे रंग दिखाता है। जामताड़ा कोर्ट में कभी वकील मोहन वर्मा के साथ प्रैक्टिस करनेवाले अधिवक्ता सह उपर भीठरा निवासी मोहम्मद अमीर हमजा सोचे में नहीं थे कि एक दिन उन्हें जेपीएससी में सफलता मिलेगी। पर यह परिश्रम के बूते सच हुआ। वे कोर्ट में काम करने के बाद पारा शिक्षक से शिक्षक बने थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 07:19 PM (IST)
दो शिक्षकों ने जेपीएससी में सफलता का परचम लहराया
दो शिक्षकों ने जेपीएससी में सफलता का परचम लहराया

विद्यासागर (जामताड़ा) : जीवन कैसे-कैसे रंग दिखाता है। जामताड़ा कोर्ट में कभी वकील मोहन वर्मा के साथ प्रैक्टिस करनेवाले अधिवक्ता सह उपर भीठरा निवासी मोहम्मद अमीर हमजा सोचे में नहीं थे कि एक दिन उन्हें जेपीएससी में सफलता मिलेगी। पर यह परिश्रम के बूते सच हुआ। वे कोर्ट में काम करने के बाद पारा शिक्षक से शिक्षक बने थे। अब मंगलवार संध्या को परीक्षा फल घोषित होने के बाद प्रशासनिक विभाग में चयनित होकर उन्होंने जिले का मान बढ़ाया है। प्राइमरी विद्यालय भीठरा में वे शिक्षक के रूप में पदस्थापित हैं।

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शैक्षणिक यात्रा : 1985 में माध्यमिक परीक्षा में गुलाब राय गुटगुटिया हाई स्कूल से प्रथम श्रेणी, 1987 में बीएसके कॉलेज मैथन से इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी, 1990 में बीए बीएसके कॉलेज मैथन से द्वितीय श्रेणी, एलएलबी की डिग्री की तिलकामांझी भागलपुर से 1994 में उन्होंने ली।

एक परिचय : 1995 में जामताड़ा कोर्ट में बिना रजिस्टर्ड के मोहनलाल वर्मा के साथ वकील की प्रैक्टिस की। पारा शिक्षक में 2003 में चयन होने के बाद सरकार सरकारी शिक्षक 2015 में बने। उसके बाद जेपीएसी परीक्षा में सम्मिलित हुए जिसमें उन्हें सफलता मिली। उन्होंने कहा कि एकाग्रता से उन्हें यह सफलता मिली। कहा कि सफलता का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है इसके पीछे अपने माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है। अब वे चल बसे हैं। कहा कि सबसे दुखद घड़ी जीवन में उस समय आई थी जब जेपीएससी परीक्षा के दिन ही उनकी मां का देहांत हो गया था। परीक्षा के कारण मां को अंतिम विदाई भी नहीं दे पाए थे।

फोटो नं. 11

संवाद सहयोगी, नाला (जामताड़ा) : नाला के प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक मृत्युंजय कुमार ने भी जेपीएससी परीक्षा में सफलता अर्जित की है। इससे न केवल पूरे विद्यालय परिवार में बल्कि गांव से घर तक खुशी का माहौल है। बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति ने भी दूरभाष से मृत्युंजय कुमार को बधाई दी। विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार, मुकेश कुमार, अजय कुमार, सत्यनारायण मिश्र ने बधाई दी। विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार व सुबोध कुमार मंडल ने कहा कि मृत्युंजय कुमार शिक्षक के रूप में  वर्ग संचालन निष्ठा पूर्वक करते थे। देवघर जिले में उच्च शिक्षा के बाद मृत्युंजय कुमार ने बीएड की पढ़ाई पूरी की थी। अर्थशास्त्र में पीजी किए। वर्ष 2012 के अगस्त महीने में नाला उच्च विद्यालय में योगदान दिए। मृत्युंजय कुमार ने बताया कि पिता प्रखंड पंचायती राज विभाग के पदाधिकारी थे। पिताजी के कामकाज को देखते हुए स्कूली शिक्षा के समय से ही प्रशासनिक पदाधिकारी बनने का सपना था जो आज पूरा हो सका। उन्होंने कहा कि मन में दृढ़ संकल्प के बदौलत ही यह सफलता मिली। पारिवारिक होने के बावजूद नाला मुख्यालय में एक किराए के मकान में अकेले रहकर विद्यार्थी के जैसे अध्ययन करते थे। कड़ी मेहनत के बाद उनको सफलता मिली। मृत्युंजय कुमार देवघर जिले के देवीपुर प्रखंड के बिरनीया गांव के रहनेवाले हैं। उनका जेपीएससी में उत्तीर्ण किए जाने से वाणिज्य विभाग में योगदान का मौका मिला है।


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