आदिवासी समाज ने धूमधाम से मनाया दसांय पर्व
कुंडहित (जामताड़ा): बंगाली समाज के साथ आदिवासी समाज ने भी दुर्गा पूजा का आनंद दसांय पर्व मना
कुंडहित (जामताड़ा): बंगाली समाज के साथ आदिवासी समाज ने भी दुर्गा पूजा का आनंद दसांय पर्व मनाकर उठाया। आदिवासी समुदाय के लोगों ने सज-धजकर हाथ में मोर पंख लेकर मंदिरों में सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया।
आदिवासी समाज में प्रचलित मान्यता के अनुसार, आदिशक्ति देवी माता को महिषासुर का पता आदिवासियों ने ही बताया था। परंपरा के अनुसार, महादशमी के तीन दिन पहले से आदिवासी समुदाय के लोग गांव से निकल कर जंगलों में जाते है और महिषासुर को खोजने की परंपरा का निर्वहन करते है। दसांय पर्व के दौरान समुदाय के लोगों द्वारा तंत्र मंत्र की सिद्धि प्राप्ति के लिए विभिन्न पूजा आराधना भी की जाती है।
धोबना के कारोबारी हांसदा, साइलेन मुर्मू आदि बताते है कि इस वर्ष अभी तक धान की खेती काफी उम्दा है जिससे लोग काफी खुश है। खेती से प्रसन्न लोगों द्वारा धूमधाम से दसाय पर्व मनाते हुए आदिशक्ति के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं।