पंचायत चुनाव के बाद राज्य सरकार ने पहली बार राशि भेजी
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायत समिति सदस्य के रूप में चुनाव जीतने के
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंचायत समिति सदस्य के रूप में चुनाव जीतने के साढे चार वर्ष बाद राज्य सरकार ने 15वें वित्त आयोग से पंचायत समिति सदस्यों को विकास मद के रूप में राशि भेजी है। राज्य सरकार ने नारायणपुर प्रखंड के पंचायत की सूचना मिली है सभी खुशी से खिल उठे हैं। यहां के अधिकतर पंचायत समिति सदस्यों ने खुशी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।
---पूर्व सरकार ने अनुदान मद देना बंद कर दिया था : इसके पूर्व की सरकार ने नियम में बदलाव लाकर आयोग की आधारभूत अनुदान मद पंचायत समिति को देना बंद कर दिया था। यहां तक कि आयोग की अधिकतर राशि ग्राम पंचायतों को दिए जाने का प्रावधान था। सरकार ने जो नियम बनाए, उसे वर्ष 2015-16 में लागू भी कर दिया। लिहाजा पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित होने के बाद विकास मद की राशि से वंचित रहे। इनके माध्यम से किसी प्रकार का विकास कार्य पंचायत में नहीं हो पाया। जनता की समस्या का निदान फंड के बिना ही होने लगा। सभी पंचायत समिति सदस्य बदले गए नियम से खिन्न थे। इनकी आवाज सरकार नहीं सुन रही थी। जब राज्य की सरकार बदली तो पंचायत समिति की मांग को सुनी गई और इनके लिए भी राशि का प्रावधान रखा गया। यही कारण है कि 15वें वित्त आयोग से इन्हे राशि मिली है।
---शीघ्र ही धरातल पर राशि का होगा उपयोग : अब प्रखंड की पंचायत समिति इस प्राप्त फंड से अपने पंचायतों का विकास कार्य कर पाएंगे। जो मूलभूत संरचना के लिए आवश्यक होगा, उसे पंचायत समिति की बैठक में ला सकेंगे। यहां इस राशि को खर्च करने के लिए कब बैठक होगी, अभी यह तय नहीं है। लेकिन पंचायत समिति सदस्यों में जैसी इच्छा शक्ति है, उस अनुरूप बहुत जल्द ही इस राशि से धरातल पर योजनाएं दिखेंगी।
---क्या कहते हैं पंचायत समिति सदस्य : राज्य सरकार ने पंचायत समिति सदस्य को 15वें वित्त आयोग मद से राशि आवंटित कर एक अच्छा कदम उठाया है। राज्य सरकार को इतना कम फंड नहीं देना चाहिए था। उन्हें शीघ्र दूसरी किस्त भी भेजनी चाहिए। हम इस मद से पंचायत का महत्वपूर्ण काम करेंगे ।
लूट लाल गोप, पंचायत समिति सदस्य, देवलबाड़ी पंचायत।
---पंचायत समिति का चुनाव जीतकर पूर्ववर्ती सरकार ने हमें ठगने का काम किया था। हम बिना फंड का पंचायत का क्या विकास कर सकते थे । चुनाव जीतना नहीं जितना बराबर था । साढ़े चार वर्ष बाद ही सही लेकिन पहली बार हमें फंड मिला है। हम इस फंड से विकास कार्य करेंगे।
कुद्दूस अंसारी, पंचायत समिति सदस्य, दीघारी पंचायत
---सरकार ने पांच वर्ष के दौरान पहली बार बहुत ही कम फंड दिया है । इससे पांच वर्ष की भरपाई तो नहीं की जा सकती है, लेकिन आधारभूत संरचना दुरुस्त करने के लिए ग्रामीणों का जो परामर्श आएगा उसके अनुसार से पंचायत में कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।
अताउल अंसारी , पंचायत समिति सदस्य, बंदरचुंवा पंचायत
हम एक जनप्रतिनिधि बनकर भी ग्रामीणों की समस्या का निदान नहीं कर सकते थे। क्योंकि आज की तिथि में बिना फंड का कोई भी विकास योजना नहीं उतर सकती। राज्य सरकार ने सकारात्मक कदम उठाकर हम लोगों की मुंह की बात को रखने का काम किया है। राज्य सरकार इसके लिए धन्यवाद की पात्र है।
दल गोबिद रजक, उप प्रमुख, नारायणपुर