शिक्षकों को मिली केंद्र के पढ़ना-लिखना अभियान की जिम्मेदारी
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) अब सरकारी विद्यालय के गुरुजी को गांव में साक्षर लोगों की जानकारी
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : अब सरकारी विद्यालय के गुरुजी को गांव में साक्षर लोगों की जानकारी इकट्ठी करनी है। 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कितने लोगों ने नाम लिखना तथा अंक का ज्ञान हासिल कर लिया, इसकी जानकारी अपने विद्यालय के पोषक क्षेत्र के गांव में जाकर दो दिनों के अंदर प्राप्त करना है। इसका निर्देश राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डाक्टर शैलेश चौरसिया ने जारी किया है ।
केंद्र सरकार ने निरक्षर लोगों को साक्षर करने के लिए पढ़ना लिखना अभियान नामक योजना लाई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2020 में साक्षर करने का कार्यक्रम सभी जगह चलना था, लेकिन 2020 में कोरोना के कारण यह कार्यक्रम यहां नहीं चल पाया। इसी दरम्यान यदि गांव में निरक्षर व्यक्ति अपने बच्चों से या अपने परिवार के अन्य सदस्यों से नाम लिखने या अंकों की पहचान की जानकारी ग्रहण कर ली है तो उन्हें सरकार साक्षर होने का सर्टिफिकेट देगी। केंद्र सरकार की इस योजना को राज्य सरकार सफल बनाने में जुटी है। शिक्षा विभाग ने 26 जुलाई को निर्देश जारी कर सभी प्रखंडों में अधिक से अधिक लोगों का साक्षरता प्रमाणपत्र देने के लिए पंजीयन कराने का निर्देश अधिकारी को भेजा है। इसी निर्देश के आलोक में यह जवाबदेही शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के कंधे में दिया है। शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र में साक्षर लोगों का सर्वे कर विभाग के द्वारा दिए गए प्रपत्र में पंजीकृत करेंगे। इसकी अवधि 31 जुलाई तक है। क्योंकि 1 अगस्त 2021 से केंद्र सरकार साक्षरता अभियान चलानेवाली है। साक्षरता अभियान में निरक्षर लोगों को साक्षर कर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान के माध्यम से उनकी आकलन परीक्षा ली जाएगी। उन्हें साक्षरता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
हालांकि इस अभियान को प्रारंभ करने के लिए जामताड़ा जिले में इसकी क्या तैयारी है अभी यह सामने नहीं आ पाया है, लेकिन पत्र के अनुसार केंद्र सरकार का साक्षरता अभियान इसी अगस्त महीने में प्रारंभ होने की खबर है। शैक्षणिक अंचल नारायणपुर के विभिन्न गांवों में साक्षर लोगों को दो दिन के अंदर पंजीकृत करने के लिए शिक्षा विभाग सक्रिय है। हालांकि इसके लिए अन्य एजेंसी को भी इस कार्य में लगाया जाएगा। शिक्षकों के अलावे अन्य कर्मी भी इस अहम कार्य में अपना योगदान देने वाले हैं। अब अंतिम तिथि को ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितने लोग एक वर्ष के दौरान अपने परिवार में रहकर साक्षर हो गए।