Move to Jagran APP

12 वर्षो में भी नहीं लग पाया स्टील प्लांट

राजनीतिक अस्थिरता की वजह से 12 वर्षो में राज्य सरकार और कोलकाता की कंपनी के कंपनी के बीच एमओयू हो जाने के बाद भी अफजलपुर में स्टील प्लांट का काम नहीं शुरू हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:36 AM (IST)
12 वर्षो में भी नहीं लग पाया स्टील प्लांट
12 वर्षो में भी नहीं लग पाया स्टील प्लांट

नाला (जामताड़ा) : राज्य सरकार और स्टील कंपनी के बीच अफजलपुर में स्टील प्लांट निर्माण के लिए एमओयू 12 वर्ष बाद भी परवान नहीं चढ़ पाया है। इसके पीछे राजनीतिक अस्थिरता को एक महत्वपूर्ण कारण माना जा सकता है। इस कारण पूरे जामताड़ा जिले का औद्योगिक विकास प्रभावित हुआ। हजारों लोग रोजगार से वंचित हो गए।

loksabha election banner

2007-08 में हुआ था करार : बताते हैं कि वर्ष 2007-08 में राज्य सरकार और कोलकाता की ब्राह्मी इंपेक्ट लिमिटेड कंपनी के बीच एमओयू हुआ था। तब सूबे के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा थे। जबतक इस मसले पर बात आगे बढ़ती, उनकी सरकार चली गई। नए मुख्यमंत्री झामुमो के शिबू सोरेन बने। इसके बाद भी राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी रहा। तीन-तीन बार सूबे को राष्ट्रपति शासन का दंश झेलना पड़ा। बीच में थोड़े-थोड़े अरसे के लिए भाजपा के अर्जुन मुंडा और झामुमो के हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनकी पूरी कवायद सरकार बचाने तक ही सीमित रह गई।

वर्ष 2011 में दोबारा स्टील प्लांट निर्माण को लेकर एमओयू हुआ। कंपनी को प्लांट के लिए 3000 एकड़ जमीन की जरूरत थी। करीब तीन हजार एकड़ से अधिक जमीन चिह्नित कर ली गई। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। जमीन की दर भी तय हो गई। रैयत मुआवजे की दर पर सहमत दिखे, लेकिन यहां जिला प्रशासन ने बहुत अधिक रूचि नहीं दिखाई। इससे मामला अटक गया।

रोजगार के अभाव में पलायन को मजबूर लोग : जामताड़ा वैसे तो पिछड़ा जिला में गिना जाता है और नाला क्षेत्र इसमें और भी पिछड़ा है। यहां लोगों को आस जगी थी कि स्टील प्लांट लग जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इलाके का विकास होगा। लेकिन अब स्थानीय लोग निराश हैं। रोजगार के लिए युवाओं को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है। ऐसे में यह एक चुनावी मुद्दा बन सकता है।

दुमका संसदीय क्षेत्र के आनेवाले नाला के लोग इस आम चुनाव में नेताओं से रोजगार को लेकर जरूर सवाल करेंगे। रैयतों ने जमीन देने पर जताई थी सहमति : पियारसोला जामबाद, खड़िकाबाद, लखनपुर, लक्ष्मणपुर समेत कई मौजा में रैयती के अलावा करीब 22 सौ एकड़ सरकारी जमीन मौजूद है। खास बात यह है कि स्टील प्लांट लगाने को लेकर जब जिला प्रशासन ने जमीन मालिकों से बैठक की थी तो सभी एक स्वर से प्लांट के लिए जमीन देने को राजी हो गए थे। आज भी उन्हें प्लांट के लिए जमीन देने में आपत्ति नहीं है। उस समय सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सारी प्रकिया पूरी कर जमीन की दर भी तय कर दी थी। ऐसे में क्षेत्र के औद्योगिक विकास का सपना पूरा होने को लेकर ग्रामीणों में भारी उत्साह भी उस समय था। उनमें सबसे बड़ी खुशी थी कि स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य की ओर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन यह खुशी अब तक पूरी नहीं हो पाई।

-------------------

क्या कहते हैं लोग

'क्षेत्र में स्टील प्लांट का सपना पूरा हो जाने से क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे बसर कर रहे लोगों का जीवन बदल जाता। अब नेताओं से पूछा जाएगा कि किस कारण से प्रस्तावित प्लांट का कार्य धरातल पर क्यों शुरू नहीं हो पाया।

सुकुमार हांसदा 'राज्य गठन के बाद ही अन्य विकास कार्य के साथ क्षेत्र में उद्योग का लगाना काफी जरूरी हो गया है। इस बीच प्लांट लगने को लेकर उम्मीद जगी थी। सरकार की उदासीनता की वजह से नाला-अफजलपुर में प्रस्तावित स्टील प्लांट अब तक नहीं लग पाया। इस बार प्रमुख दलों पर दबाव बनाया जाएगा कि वे इसे अपनी घोषणापत्र में शामिल करें।

नदियानंद घोष 'संताल परगना उद्योग विहीन पहले से है। सरकार ने दस वर्ष पूर्व प्लांट लगवाने की पहल की थी। सभी रैयत जमीन देने को भी तैयार हो गए। बावजूद उद्योग नहीं लगा। यह इस बार का बड़ा चुनावी मुद्दा बनेगा।

उज्ज्वल सिंह

-----------------

'अफजलपुर में प्रस्तावित स्टील प्लांट को चालू करने का कोई दिशा-निर्देश सरकार की तरफ से नहीं मिला है। यहां प्लांट लगाने के लिए कोई निर्देश मिलेगा तो उसे गंभीरता से अमलीजामा पहनाया जाएगा।

सुनील कुमार प्रजापति, बीडीओ सह सीओ, नाला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.