करमाटांड़ की सड़कों में उभर आए बड़े-बड़े गड्ढ़े
संवाद सूत्र करमाटांड़ (जामताड़ा) करमाटांड़ से जामताड़ा मुख्यालय को जोड़ने वाली जामताड़
संवाद सूत्र, करमाटांड़ (जामताड़ा):
करमाटांड़ से जामताड़ा मुख्यालय को जोड़ने वाली जामताड़ा-लहरजोड़ी भाया करमाटांड़ मुख्य सड़क लगभग आठ वर्षों में भी नहीं बन पाई है। अधिकांश जगहों पर कार्य पूरा हो गया है परंतु कुछ एक जगह इतना जर्जर है कि सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है। सड़क पर कहीं गड्ढे़ तो कहीं जमा बारिश के पानी से बने तालाब में सड़क झांकती नजर आती है। ऐसे जगहों पर गड्ढे जानलेवा बना हुआ है। जब सड़क बननी शुरू हुई थी तो लोगों में खुशी थी कि आठ वर्षों में सफर आसान नहीं हो पाया।
जर्जर सड़क पर बड़े वाहन तो दूर छोटे वाहनों से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। सड़क बन जाने से करमाटांड़ से जामताड़ा व मधुपुर जाने में सुविधा होती है परंतु सड़क पर बने गड्ढे लोगों के आवागमन की रफ्तार को रोकता रहता है। इससे बड़े वाहन क्षेत्र में प्रवेश करने से कतराते हैं। हल्की बारिश में लोगों को पैदल चलना दूभर हो जाता है। सड़क निर्माण करने वाली कंपनी की अपनी समस्या है। सभवत: थोड़े से क्षेत्र में काम पूरा नहीं होने की वजह से उसकी किरकिरी हो रही है। सड़क निर्माण पूर्ण नहीं होने के कारण सड़क पर दुर्घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
काला झरिया बाजार के समीप सड़कों की स्थिति काफी जर्जर है। सड़क पर गड्ढे़ अनगिनत हैं। बड़े वाहन तो दूर छोटे वाहन का भी गुजरना मुश्किल होता है। सड़क बनने के लिए वहां खोद कर छोड़ दिया गया । उस पर मिट्टी की भराई नहीं होने के कारण बारिश का पानी गड्ढे पर भर जाता है। इतना ही नहीं करमाटांड़ से मधुपुर जाने वाली सड़क पर सकलपुर गांव के पास जर्जर सड़क, रानीटांड़ ,पिपरासोल के पास सड़क निर्माण नहीं होने के कारण गड्ढ़ों का आकार बढ़ता जा रहा है। बारिश के दिनों में गड्ढे़ और खतरनाक बनते जा रहे हैं।
गणपत चौक बाजार की स्थिति और भी भयावह है। सड़क नहीं बनने के कारण गणपत चौक बाजार के समीप नाली के पानी सालों भर सड़कों पर बहते रहता है। गड्ढों में बराबर घरों के समीप बारिश का पानी तालाब के रूप में जमा रहता है। लोगों ने कई बार सड़क जाम व विरोध प्रदर्शन कर सड़क निर्माण करने की बात कही, परंतु स्थिति की जस की तस बनी रही। वर्तमान सांसद सुनील सोरेन ने भी इस मामले को लेकर चुनाव जीत के साथ ही सदन में उठाए थे। कुछ दिन कार्य प्रारंभ हुआ उसके बाद कार्य स्थिर हो गया।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं बनने के कारण राहगीरों को परेशानियों के साथ-साथ मरीजों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। मरीज हिचकोले खाते अस्पताल पहुंचते हैं। इस दज्ञैरान कई की हालत बिगड़ जाती है। इस सड़क से बड़े अधिकारियों से लेकर मंत्री, विधायक, सांसद सभी गुजरते हैं फिर भी निमाण्र्ज्ञ कार्य पूरा नहीं रहा है। सरकारें बदल गई पर सड़क पूरी नहीं हुई। करमाटांड़ की दो सड़के