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आंगनबाड़ी केंद्रों में आठ माह से नहीं मिला पोषाहार

संवाद सहयोगी जामताड़ा कुपोषण मुक्त परिवार निर्माण को लेकर सरकार की ओर से शुरू की

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:05 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों में आठ माह से नहीं मिला पोषाहार
आंगनबाड़ी केंद्रों में आठ माह से नहीं मिला पोषाहार

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : कुपोषण मुक्त परिवार निर्माण को लेकर सरकार की ओर से शुरू की गई पोषाहार योजना का लाभ अबतक लाभुकों को नहीं मिल पाया। महामारी के कारण आठ महीने से सामान्य परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे है। ऐसे में पोषाहार मिलता तो कुछ समस्या उनकी कम होती। आंगनबाड़ी में लाभार्थियों को आठ माह से सूखा राशन नहीं मिल रहा है। फरवरी तथा मार्च माह का सूखा राशन वितरण किया गया तो उसमें सिर्फ चावल तथा दाल मिली। जबकि आलू, गुड़, मूंगफली आदि पोषण युक्त सामग्री लाभार्थियों को नहीं मिल पाई।

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केंद्र तथा राज्य सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में पोषाहार योजना की शुरुआत की थी। लाभुकों को समय पर पोषाहार देने की जिम्मेदारी जेएसएलपीएस संस्था (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसायटी) को सौंपी गई थी। लेकिन, लॉकडाउन के आठ माह की अवधि में मात्र दो ही महीने का पोषाहार लाभुकों को उपलब्ध कराया है। इसमें भी सारी सामग्री नहीं मिली।

---ये है व्यवस्था : जेएसएलपीएस को चावल एफसीआइ से मिलता है। जेएसएलपीएस ने अपने स्तर से अभी तक दो महीने में सिर्फ दाल का ही वितरण किया है। जबकि, पोषाहार योजना के तहत लाभुकों को गुड़, मूंगफली, आलू, तेल भी दिया जाता है। जेएसएलपीएस को मिली जिम्मेदारी के मुताबिक उसे अपने स्तर पर पोषाहार खरीदकर अपने अधीन सखी मंडल को देना होता है। सखी मंडल पोषाहार आंगनबाड़ियों को उपलब्ध कराता है। जेएसएलपीएस पोषाहार खरीद का बिल राज्य सरकार को देती है और राज्य सरकार जेएसएलपीएस को भुगतान करती है।

कई आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि जब से जेएसएलपीएस को पोषाहार उपलब्ध कराने का जिम्मा दिया गया है, तब से लाभुकों को समय पर पोषाहार नहीं मिल रहा। कभी सखी मंडल से कम पोषाहार मिलता है, तो कभी समय पर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि जब विभाग से पोषाहार की आपूर्ति होती थी, तो लाभुकों को समय पर उसका लाभ मिल जाता था। ऐसे में लाभुकों के समक्ष आंगनबाड़ी सेविकाएं बदनाम हो रही हैं। ऊपर से कुपोषण को लिए सेविकाओं को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। अब जब खुद सरकार ही ध्यान नहीं दे रही है, तो कुपोषण कैसे दूर होगा। -- जिला में कुल 64 447 लाभुक : जामताड़ा जिले में कुल 1189 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें कुल लाभुकों की संख्या 64447 है। 6 माह से 3 वर्ष तक के कुल 45383 लाभुक, गर्भवती महिलाएं 9 252, धातृ माताएं 9813 हैं। इन्हें आठ माह में से दो माह का चावल दाल पोषाहार के रूप में मिला है। आलू, गुड़, मूंगफली तेल नहीं मिलने से ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार गांव में आंगनबाड़ी सेविकाएं हो रही हैं।

-- वर्जन : आठ माह में जेएसएलपीएस ने दो माह क्रमश: फरवरी-मार्च का चावल, दाल आंगनबाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराया है। आलू, गुड़, मूंगफली तथा तेल उपलब्ध कराने में अक्षम है। जेएसएलपीएस ने समाज कल्याण पदाधिकारी को लिखित सूचना दी है कि पिछले दिनों केंद्र में आपूर्ति की गई मूंगफली का 58 लाख रुपये भुगतान लंबित है। इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार सामग्री उपलब्ध कराना संभव नहीं है। समाज कल्याण निदेशक को लिखित सूचना दी गई है कि जिले में आठ महीने से सूखा राशन सामग्री आपूर्ति बाधित है। बेहतर व्यवस्था के लिए पहल करने की मांग की गई है। --सनेह कश्यप, समाज कल्याण पदाधिकारी।


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