सदर अस्पताल में प्लास्टर के लिए मरीजों के नहीं लगत पैसे
जामताड़ा सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव सिजेरियनप्लास्टर कुपोषण उपचार केंद्र व परिवार नि
जामताड़ा : सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव, सिजेरियन,प्लास्टर, कुपोषण उपचार केंद्र व परिवार नियोजन समेत अन्य कार्य में प्रगति हुई है। पूर्व में इन कार्यो की प्रगति संतोष जनक नहीं थी। नवंबर-दिसंबर तक सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव 150 से 160, सिजेरियन दो से तीन, परिवार नियोजन के साधन 40 से 50, बंध्याकरण 20 से 25 होता था, जो निर्धारित मासिक लक्ष्य से कम था। दिसंबर माह के बाद से अस्पताल उपाधीक्षक ने गंभीरता बरती तो कार्यो में प्रगति बढ़ी।
लॉकडाउन घोषित रहने के बाद भी मई तथा जून महीने में 20 सिजेरियन हुए। अस्पताल प्रबंधन ने जुलाई माह में कम से कम 15 सिजेरियन करने का लक्ष्य रखा है। संस्थागत प्रसव की मासिक संख्या 260 पर पहुंच गई। परिवार नियोजन कार्यक्रम के वैकल्पिक सुविधाओं से पिछले माह की तुलना में तीन गुणा इजाफा हुआ। कई माह से पुरुष नसबंदी कराने में सफलता शून्य रही लेकिन 7 माह की अवधि में 10 लोगों को पुरुष नसबंदी से लाभान्वित हुए। अस्पताल में प्रतिमाह दो तीन सिजेरियन संभव होता था।
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि अस्पताल की प्रगति तभी संभव है जब टीम वर्क में सभी कार्य हो और इसके लिए प्रयास भी जारी है। कहा कि स्वयं सुबह-शाम अस्पताल के हर वार्ड व कर्मियों के कक्ष का भ्रमण कर गतिविधियों का जायजा लेते हैं। कर्मियों व मरीजों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं का तत्काल निदान किया जाता है। सदर अस्पताल में प्लास्टर की व्यवस्था नहीं थी अब हड्डी प्लास्टर को लेकर कोई भी मरीज को एक रुपये खर्च नहीं करना पड़ता। प्लास्टर सामग्री समेत चिकित्सक सहायक कर्मी दिन रात मौजूद रहते हैं।