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वर्षो बाद भी नहीं चालू हुआ पलस्थली-अंडाल रेल मार्ग

नाला (जामताड़ा) : नाला विधानसभा क्षेत्र में एक मात्र पलस्थली-अंडाल रेल मार्ग सरकारी उपेक्षा के क

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 07:22 PM (IST)
वर्षो बाद भी नहीं चालू हुआ पलस्थली-अंडाल रेल मार्ग
वर्षो बाद भी नहीं चालू हुआ पलस्थली-अंडाल रेल मार्ग

नाला (जामताड़ा) : नाला विधानसभा क्षेत्र में एक मात्र पलस्थली-अंडाल रेल मार्ग सरकारी उपेक्षा के कारण बंद पड़ा है। राज्य गठन के 18 साल बीतने के बाद भी यह रेलमार्ग चालू नहीं हो सका। जबकि सरकार एक ओर जहां देश में रेल सेवा उपलब्ध कराने को लेकर करोड़ों की योजना पारित कर धरातल पर लागू करने का वादा कर रही है। नाला के जनता को रेलमार्ग रहने के बावजूद इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे रेल से यात्रा करने के लिए जामताड़ा और आसानसोल जाना पड़ता है। मालूम हो कि अंग्रेज शासनकाल के दरम्यान 1935 में पलस्थली रेल मार्ग को चालू किया गया था। पलस्थली, कास्ता, पड़िहारपुर,कालीपहाड़ी, नाला, अफजलपुर आदि के अलावा कुंडहित, फतेहपुर के हजारों खेतिहर मजदूर, सरकारी सेवक, व्यवसायी रोजाना इस रेलमार्ग से पश्चिम बंगाल के अंडाल, पांडेश्वर, आसनसोल होकर दुर्गापुर, ब‌र्द्धमान कोलकाता आदि विभिन्न शहरों के लिए आना-जाना करते थे। इतना ही नहीं, यहां के सैकड़ों छात्र-छात्राएं पलास्थली रेलमार्ग से विभिन्न शहरों में उच्च शिक्षा के लिए यातायात करते थे। वर्तमान में रेल सेवा चालू हो जाने से यहां के लोगों को काफी सहूलियत होगी। बता दें कि 1990 के दशक में विभाग के द्वारा रेल मार्ग अचानक बंद कर दिया गया है। इस रेल मार्ग का नाम था अंडाल-पलस्थली रेल, जो पलस्थली से पांडेश्वर तथा पांडेश्वर से अंडाल होते हुए आसानसोल तक आवाजाही करते थे। यहां के लोग काफी कम समय में आसानसोल आना-जाना करते थे। हर लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव के दौरान छोटे-बड़े नेता व मंत्री रेल मार्ग चालू करने का आश्वासन तो देते हैं पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

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इस संबंध में विधायक रविंद्रनाथ महतो ने बताया कि 2015 में विधानसभा सत्र के शून्य प्रश्न काल में झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री सीपी ¨सह से ऐतिहासिक पलस्थली रेल मार्ग को चालू कर जामताड़ा रेल मार्ग से जोड़ने का मांग किया था। कहा कि मंत्री सीपी ¨सह ने रेल मंत्रालय से संपर्क कर चालू करने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन तीन साल बाद भी फलाफल जनता को देखने को नहीं मिला। मुख्यमंत्री से मांग किया कि जनहित को देखते हुए रेल मंत्रालय से संपर्क कर प्राथमिकता के तौर पर इस रेलमार्ग को चालू करें।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया -

सरबेदिया गांव के परिमल माजि ने कहा कि रेल मार्ग चालू होने से यहां के लोगों को दूर-दराज आने-जाने में सहूलियत होगी। साथ ही बेरोजगार युवाओं को रोजगार का मौका मिलेगा। लोगों को दूसरे शहरों में जाकर अपना व्यवसाय करने का अवसर प्राप्त होगा। कहा कि नाला एवं जामताड़ा विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का आनाजाना जारी है। लेकिन पलस्थली रेल एवं कोलियरी संचालन करने की दिशा में मुख्यमंत्री का ध्यान है। नाला के जन चौपाल में भी इन गंभीर समस्या रखने के लिए पहुंचे थे लेकिन समय के अभाव में मौका नहीं मिला है। मांग किया कि जल्द से जल्द रेल मार्ग को संचालन की दिशा में सकारात्मक पहल की जाए।

क्षेत्र के समाज सेवी रंजीत डोकानिया ने कहा कि पलस्थली रेलमार्ग को चालू करना काफी जरूरी है। यहां के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक रेल मार्ग है। सरकारी उपेक्षा के कारण वर्षो से यह रेल मार्ग बंद पड़ा है। इस रेलमार्ग को जल्द से जल्द चालू कर जामताड़ा रेल मार्ग से जोड़ने की दिशा में सकारात्मक पहल किया जाय।

प्रमुख जियाराम हेम्ब्रम ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में नए रेलमार्ग का विस्तार कर रेल सेवा मुहैया कराया जा रहा है। वहीं अंग्रेज शासन काल के रेल सेवा सरकार की उपेक्षा से बंद पड़ा हुआ है। इस समस्या को गंभीरतापूर्वक लेते हुए पलस्थली-अंडल रेल मार्ग को चालू किया जाए।


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