रमजान में रोजा सभी को रखना चाहिए
संवाद सूत्र जामताड़ा पवित्र महीने रमजान के 27 वें रोजे मुकंमल हो गए। मौसम का काफी उतार
संवाद सूत्र, जामताड़ा : पवित्र महीने रमजान के 27 वें रोजे मुकंमल हो गए। मौसम का काफी उतार-चढ़ाव रहा। फिर भी रोजेदारों ने हिम्मत और सब्र के साथ रोजा रखते रहे। वहीं नन्हें रोजेदार बच्चों का हौसला हिम्मत काबिल ए तारीफ है। इतनी गर्मी और धूप में रोजा रखकर एक मिसाल कायम की। रमजान महीने का यह आखिरी अशरा कहलाता है। इस अशरे मे परवरदिगार लोगों की मगफिरत करते हैं। एतकाफ में बैठे हुए जवान, बुजुर्ग, महिलाएं सब खुदा से महामारी से निजात की दुआएं मांग रहे हैं। --- इस महीने में तमाम उम्मती को रोजा रखने चाहिए। रोजा रखने का इनाम परवरदिगार खुद अदा करते हैं। और किए गए गुनाहों पर मगफिरत करते है। रमजान में रोजा सबों को रखना चाहिए।
---दस वर्षीय मोहम्मद अदनान।
--- शुरू- शुरू में तो भूख- प्यास का अहसास हुआ लेकिन अब रोजा रखने में किसी तरह का कोई परेशानी नहीं महसूस हो रही है। सहरी के लिए सुबह उठना एक आदत सी बन गई है। सबों के साथ इफ्तार करना अच्छा लगता है।
---नौ वर्षीय अजीज अहमद।
---रोजा रखना अभी शुरू नहीं किया है, लेकिन दादा और अब्बू के साथ मस्जिद जाकर नमाज अदा करते हैं। महामारी से निजात के लिए दुआ मांगते हैं। इफ्तार के वक्त फल खाना काफी अच्छा लगता है। रोजा व नमाज सबों के लिए जरूरी है।
----सात वर्षीय मोहम्मद जुबेर अंसारी।
---मदरसा में पढ़ाई जारी है। रमजान महीने के सारी रोजे रखे। तरावी भी अदा करती रही। मूल्क के अमन शांति के लिए दुआ भी मांगी। रोजा रखने से मन को सुकून मिलता है। ---नौ वर्षीय फातिमा जोहरा ।