आम बागवानी से किसान हो रहे समृद्ध
संवाद सहयोगी नाला (जामताड़ा) नाला प्रखंड में बंदरडीहा पंचायत के लगभग डेढ़ सौ आबादी वादी
संवाद सहयोगी, नाला (जामताड़ा):
नाला प्रखंड में बंदरडीहा पंचायत के लगभग डेढ़ सौ आबादी वादी वाले गांव मोथरा में सभी लोगों का जीवन-यापन कृषि पर आधारित है। कोई धान की खेती तो कोई खेत में मजदूरी कर अपना जीवन गुजारते हैं। एक- दो परिवार ही है जो सरकारी पेशे में हैं। इनमें एक संभ्रांत किसान परिवार के निर्मल माजि हैं। जिन्होंने स्नातक की पढ़ाई कर बीएड प्रशिक्षण लिए और खेती को जीवन का मुख्य पेशा बनाया। वे खुद तो आम से लाखों कमा ही रह हैं, लगभग पचास मजदूरों को सालों भर अपने खेतों में काम भी देते। वे दस वर्षों से आम बागवानी कर रहे हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरक बने हैं। करीब तीन एकड़ जमीन पर उन्होंने आम की खेती शुरू की। साल दो साल के बाद आम बागवानी की हरियाली छाने लगी। चार-पांच साल में आम के पौधे में अच्छा खासा आम आने लगा। अब प्रति वर्ष वे भारी मात्रा में आम तोड़कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। अब लगभग आठ एकड़ जमीन पर आम की फसल का लाभ ले रहे। किसान निर्मल माजि का कहना है कि आम बागवानी कर साल में तीन लाख की कमाई करते हैं। इसके अलावा धान, गेहूं, सरसों, अमरूद, फूलों की खेती करते हैं। इसमें भी मोटी रकम की कमाई हो जाती है। आम बागवानी में मालदा, बंबइया, गुलाब खास, हिसाहर, मल्लिका, आंम्रपाली आदि किस्म की आम की खेती की गई है। आम के अलावा अन्य कृषि कार्य में साल भर में लगभग पचास मजदूरों को रोजगार भी देते। उन्होंने इजरायल में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
इस आम बागवानी मिशन से हो रही आमदनी को देखते हुए उन्हीं के भाई तपन कुमार मांजि भी आम बागवानी को आय का जरिया बनाया। साथ ही क्षेत्र के जगन्नाथ पुरी, इंदकुड़ी, पिपला, टेसजोरिया, मंझलाडीह, नाला, सारसकु़ंडा आदि गांवों के किसान भी आम बागवानी कर रहे हैं। यही कारण है कि माजि की पहचान बेहतर कृषक के रूप में पूरे जिले में हैं।