राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति गांव की सड़क से भी बदतर
रूपक शर्मा मिहिजाम (जामताड़ा) मिहिजाम से जामताड़ा की सड़क पर चलना किसी जोखिम से कम न
रूपक शर्मा, मिहिजाम (जामताड़ा) : मिहिजाम से जामताड़ा की सड़क पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं है, वह भी रात के अंधेरे में। जामताड़ा मुख्यालय से मिहिजाम शहर पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 419 सड़क पर कभी गाड़ियां फर्राटा भरती थी पर अब उबड़-खाबड़ व गड्ढों की वजह से कई जगह वाहन रेंगने को विवश होता है। रखरखाव के अभाव में राष्ट्रीय राजमार्ग 419 की दुर्दशा आम लोगों के साथ वाहन चालकों खून के आंसू रुला रही है। जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूरी मिहिजाम सीमा चेकपोस्ट तक की सड़क पर जहां- तहां गड्ढे उभर आए हैं। हालांकि की कुछ स्थानों पर सड़क दुरुस्त है पर कई जगह ही डाइवर्सन के कारण खतरों से भरा हुआ है।
---श्याम मंदिर के सामने नारकीय स्थिति : जामताड़ा से मिहिजाम की ओर जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्याम मंदिर के समीप सड़क पर अनवरत पानी का बहाव लंबे समय से हो रहा है। इससे सड़क पर गड्ढे उभर आए हैं। कुछ ही दूरी पर सड़क के बीचों-बीच खतरनाक गड्ढा बन गया है। कई बार इन गड्ढों से दुर्घटना भी हो चुकी है।
---बेवा में भी गड्ढों की भरमार : जामताड़ा से थोड़ा आगे निकलने पर मिहिजाम थाना क्षेत्र के बेबा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग आधे दर्जन स्थानों पर सड़क टूट गड्ढे में तब्दील हो गई है। कहीं- कहीं सड़क की एक परत उखाड़ कर उबड़खाबड़ हो चुकी हैं। कई बार इस उबड़खाबड़ सड़क से बच निकलने के चक्कर मे वाहनों की टक्कर हुई है। बोदमा रेलवे फाटक पार करने के लिए बनाए जा रहे ओवरब्रिज के कारण डाइवर्सन वहां तैयार किया गया है। वर्षा के इन दिनों ये डायवर्शन अलग ही मुसीबत बना हुआ है। बोदमा के पोल फैक्ट्री के पास पुलिया के दोनों ओर सड़क पर गड्ढे हो चुके है। गत वर्ष एक व्यवसायी के निजी चारपहिया वाहन अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे गड्ढे मे पलट गया था।
---बंगाल की सीमा तक खतरनाक गड्ढे: ढेकीपाड़ा से मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र के पश्चिम बंगाल सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर दर्जनों स्थानों पर बड़े-बड़े खतरनाक गड्ढे उभर आए हैं। इसी माह नगर पर्षद कार्यालय ने अपने खर्च कर सीमेंट व गिट्टी से गड्ढे को भरने का काम किया गया।
---चार वर्ष पूर्व हुई थी मरम्मत : राष्ट्रीय राजमार्ग सात वर्ष पूर्व बना था। व मरम्मत चार वर्ष पूर्व हुई थी। उसके बाद से एनएचएआई ने इसे दुरुस्त करने के प्रति अपनी आंखें मूंद ली है। जल्द इसे नही बनाया गया तो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। ---क्या कहते हैं स्थानीय लोग :
---आए दिन किसी ना किसी काम से जिला मुख्यालय जाना पड़ता हैं। कई स्थानों पर सड़क के बीचों बीच गड्ढे हो गये हैं। पानी जमा रहने से गड्ढे का पता ही नहीं चल पाता और लोग तथा वाहन दुर्घटना का शिकार बनते। - उज्ज्वल दास ।
---सड़क पर पानी बहने से सड़क टूटती है। पानी का बहाव को बंद करने की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी चाहिए। सड़क पर उभरे गड्डे से छोटी-बड़ी दुर्घटना घट चुकी है। दर्जन भर लोगों को जर्जर सड़क के कारण जान गंवानी पड़ी है। शीघ्र मरम्मत होनी चाहिए। - गणेश ---नाम के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग है। सड़क का हाल ग्रामीण सड़कों से भी बदतर हो चुकी हो। सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही होती है।
--- राबिन मिर्धा।
---वर्षों से सड़क पर गड्ढे हैं। गड्ढे से मालवाहक वाहन रात-दिन गुजरते हैं। कर्ठ बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। कई बार तो गड्ढे से बच कर निकलने के चक्कर में दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। -- कैलाश साव।