माता सीता की खोज व लंका दहन का मंचन
विद्यासागर (जामताड़ा) रामलीला महोत्सव का आयोजन विद्यासागर प्रखंड क्षेत्र के काशीटांड़ गांव में आयोजित की गई। दस दिवसीय रामलीला के सातवें दिन रामलीला मंचन के तहत कलाकारों ने माता सीता की खोज व लंका दहन की लीला का मंचन किया। भगवान राम-लक्ष्मण व हनुमान जी के साथ वानरों की सेना सीता की खोज में निकली।
विद्यासागर (जामताड़ा) : रामलीला महोत्सव का आयोजन विद्यासागर प्रखंड क्षेत्र के काशीटांड़ गांव में आयोजित की गई। दस दिवसीय रामलीला के सातवें दिन रामलीला मंचन के तहत कलाकारों ने माता सीता की खोज व लंका दहन की लीला का मंचन किया। भगवान राम-लक्ष्मण व हनुमान जी के साथ वानरों की सेना सीता की खोज में निकली। लंका की अशोक वाटिका में हनुमान जी को माता सीता मिली। इसी दौरान राक्षसों ने हनुमान जी को पकड़ कर रावण के पास ले गए। रावण के आदेश पर राक्षसों ने हनुमान की पूंछ में आग लगा दी। तब हनुमान ने लंका का दहन किया।
इसक पूर्व मंचन में दर्शाया गया कि बालि के मरने पर सुग्रीव किष्किधा के राजा बने और अंगद को युवराज पद मिला। इसके बाद सुग्रीव ने असंख्य वानरों को लेकर भगवान राम के साथ माता सीता की खोज में निकल पड़े। हनुमान जी ने सीता जी का पता लगाया। पहले तो हनुमान जी को देखकर सीता डर गई। उन्होंने सोचा की यह कोई राक्षस है लेकिन जब हनुमान जी ने प्रभुराम की अंगूठी दी तो उन्हें विश्वास हुआ कि यह भगवान का भेजा हुआ दूत है। माता सीता ने हनुमान जी को आप बीती बताई और कहा कि प्रभु राम से कहना कि वह जल्द यहां से मुझे ले चलें। माता सीता को अंगूठी देकर हनुमान वापस चले तो राक्षसों ने उन्हें पकड़ लिया और उनकी पूंछ में आग लगा दी। तभी भक्त हनुमान ने सोने की लंका को जला दिया। लंका दहन को देखकर दर्शकों ने जय श्रीराम के जयकारे लगाए।
शिव नारायण, व्यास हरि महाराज व मैनेजर उमाशंकर सिंह की टीम ने संगीतमय रामलीला का मंचन किया। रामलीला आयोजन को लेकर पूरे गांव में भक्ति की अविरल धारा बह रही है। लोग देर रात तक रामलीला का आनंद ले रहे हैं।