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खोई सिम व मोबाइल से पता चलेगा साइबर अपराधियों का सुराग

जाटी जामताड़ा-मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) साइबर अपराध व अपराधियों की ओर से ठगी के लिए अप

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 08:36 PM (IST)
खोई सिम व मोबाइल से पता चलेगा साइबर अपराधियों का सुराग
खोई सिम व मोबाइल से पता चलेगा साइबर अपराधियों का सुराग

जाटी, जामताड़ा-मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा): साइबर अपराध व अपराधियों की ओर से ठगी के लिए अपनाए जा रहे नए तरीकों को रोकना, साइबर कांडों का गुणवत्ता पूर्ण अनुसंधान कर अपराधी को शीध्र सजा दिलाने में पुलिस की प्राथमिकता है। इन्हीं बिदुओं पर साइबर अपराध से प्रभावित क्षेत्रों के थानों में जाकर लंबित कांडों के अनुसंधान, उनकी प्रगति की समीक्षा की जा रही है। अब अन्य लोगों की खोई सिम व मोबाइल का उपयोग तो अपराधी ठगी में नहीं कर रहे हैं, इसकी भी पड़ताल शुरू कर दी गई है। यह जानकारी डीआइजी सुदर्शन मंडल ने जामताड़ा थाना व नारायणपुर थाना में कांडों की समीक्षा के उपरांत से पत्रकारों को दी।

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---देवघर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी : डीआइजी मंडल ने बताया कि साइबर अपराध में काफी अंकुश लगा है। राज्य भर में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी देवघर जिला में साइबर अपराधियों की हो रही है। गिरिडीह व धनबाद भी हब बनता जा रहा है। हर जिला की पुलिस साइबर अपराध को रोकने में लगी हुई है। अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। पाकुड़ के महेशपुर में पीएम आवास के लाभुकों की राशि उड़ा ली गई। वहां साइबर अपराधी स्वैप मशीन साथ लेकर चलते हैं। एटीएम कार्ड तक बना लेते हैं। सरायकेला में लॉटरी के माध्यम से ठगी का मामला सामने आया। डीआईजी ने आगे कहा कि साइबर ठग से लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी बैंक पहुंच कर लें। कहा रूटीन जांच कार्यक्रम के तहत टाउन थाना में साइबर तथा टाउन थाना से संबंधित आपराधिक मामलों की समीक्षा की गई है। अधीनस्थों को अनुसंधान के बूते अपराधियों को सजा दिलाने का निर्देश दिया गया। एक अन्य सवाल पर डीआइजी ने कहा कि कोरोना की लहर फिर से आई है। पुलिस कोरोना से बचाव के सारे उपायों का सख्ती से पालन कराने को कटिबद्ध है।

नारायणपुर थाना में डीआइजी ने बताया कि खोई सिम तथा मोबाइल का इस्तेमाल कहीं साइबर अपराधी तो नहीं कर रहे, इसकी पड़ताल की जा रही है। वर्ष 2012 से लेकर 2020 तक थानों में मोबाइल तथा सिम खोने या चोरी का सन्हा दर्ज हुआ है, उसका पूरा ब्योरा लेकर पुलिस पड़ताल शुरू की है। आठ वर्ष में दर्ज ऐसे मामलों की पूरी रिपोर्ट डीआइजी कार्यालय में थानावार जमा करना है। किसका सिम व मोबाइल कहां से कब खोया, पुलिस ने अब तक क्या जांच की समग्र रिपोर्ट देनी है। उन्होंने पुलिस अधिकारी अजीत कुमार से साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जानकारी ली। अपराध पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया।

डीआइजी सुदर्शन मंडल ने निरीक्षण के दौरान कहा कि लोगों को किसी साइबर अपराधी के फोन के जाल में नहीं फंसना है। कभी भी कोई बैंक तथा पेटीएम आदि केवाईसी के नाम पर किसी भी व्यक्ति से ब्योरा नहीं लेता है। साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार के तिकड़म लगाकर ठगी के काम को अंजाम दे रहे हैं। इसलिए नागरिकों को सचेत रहना है। इसमें विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । उनके साथ एसपी दीपक सिन्हा, साइबर डीएसपी सुमित कुमार, एसडीपीओ अरविद उपाध्याय आदि थे।


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