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संक्रांति में दुखिया महादेव के पूजन को उमड़ी भीड़

नारायणपुर (जामताड़ा) : मकर संक्रांति पर नारायणपुर प्रखंड के करमदाहा स्थित दुखिया महाद

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 04:44 PM (IST)
संक्रांति में दुखिया महादेव के पूजन को उमड़ी भीड़
संक्रांति में दुखिया महादेव के पूजन को उमड़ी भीड़

नारायणपुर (जामताड़ा) : मकर संक्रांति पर नारायणपुर प्रखंड के करमदाहा स्थित दुखिया महादेव मंदिर प्रांगण में पूजा अर्चना के लिए लोगों का काफी भीड़ देखी गई। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास अटूट है। करमदाहा गए लोगों ने सर्वप्रथम बराकर नदी की जलधारा में पवित्र स्नान कर दुखिया महादेव के दर पर मत्था टेका। पौ फटते ही लोग करमदाहा के लिए कूच कर गए थे। मंदिर में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति प्रशासन के सहयोग के साथ व्यवस्था को बनाने में लगी हुई थी। इस कार्य में मंदिर समिति के अध्यक्ष मनमोहन ¨सह, सचिव उत्तम मंडल, परेश दास, नरेश दास आदि लोग सक्रिय थे।

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--टुसू का विसर्जन : मकर संक्रांति पर मंगलवार को बराकर नदी में टुसू का विसर्जन भी किया गया। बुधवार को भी खिचड़ी मेला में भी टुसू का विसर्जन किया जाएगा। टुसू पर्व मुख्यत: भाई-बहन का त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए पौष मास आरंभ होने के साथ ही टुसू बनाकर इसकी पूजा-अर्चना करती हैं और पूरे एक महीने तक टुसू को अपने घर में रखकर टुसू गीत भी गाती हैं। मकर संक्रांति एवं खिचड़ी के दिन युवतियां, महिलाएं टुसू को बराकर नदी में विसर्जित करती हैं। प्रखंड के देवलबाड़ी, शिमला, नौघट्टा आदि गावों में यह त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा मकर संक्रांति पर करमदाहा आए लोग धान की फसल का पहला बीड़ा भोलेनाथ को अर्पित करते हैं। मंगलवार को काफी संख्या में लोगों ने धान का बीड़ा दुखिया महादेव को अर्पित किया। यह बहुत पुरानी परंपरा है। माना जाता है कि किसान धान की फसल का पहला पीड़ा दुखिया महादेव को चढ़ाते हैं।

---खिचड़ी मेला आज : बुधवार से प्रखंड के करमदाहा मेला खिचड़ी मेला का साथ विधिवत रूप से आरंभ हो जाएगा। हालांकि मंगलवार को भी मेला लगा तथा लोगों ने इसका आनंद लिया। लेकिन विधिवत रूप से मेले का शुभारंभ खिचड़ी मेला यानी बुधवार को होगा। स्थानीय विधायक डॉ. इरफान अंसारी समेत प्रशासन के आला अफसर मेला का उद्घाटन करेंगे। इस वर्ष मेले की बंदोबस्ती 6 लाख 70 हजार रुपये में हुई है। मेला में झूला, रिकॉर्डिग डांस, ड्रेगन डांस, मौत का कुआं आदि मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं, जिसका आनंद लोग लेंगे। मेला में सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

---बीडीओ व थानेदार ने निरीक्षण किया : प्रखंड विकास पदाधिकारी महेश्वरी प्रसाद यादव, थाना प्रभारी अजय ¨सह ने मेले का निरीक्षण किया। नीलामी में मेला लेने वाली समिति से पूछताछ की। प्रशासन ने कहा कि सभी दुकानदार डस्टबीन का उपयोग करेंगे ताकि मेला परिसर को साफ-सुथरा रखा जा सके। हाइवे के ठीक बगल में मेला लगता है। इसके लिए विशेष रूप से चौकसी की आवश्यकता है। गत वर्ष मेला के क्रम में ही सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसलिए उक्त मामले को लेकर प्रशासन काफी चौकस है।

---साढ़े तीन सौ वर्षो से लग रहा मेला : पिछले साढे़ तीन सौ बरसों से यहां मेला का आयोजित हो रहा है। मेले का खाजा एवं लोहे का सामान आदि काफी प्रसिद्ध है। इसे खरीदने के लिए दूरदराज से भी लोग आते हैं। मेला में शरीक होने के लिए झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा आदि प्रांतों से भी लोग आते हैं।


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