सही देखरेख के अभाव में पौधे पुष्पित व पल्लवित नहीं हो पाते
जामताड़ा जिले में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए सरकार व प्रकृति प्रेमी दोनों के स्तर से
जामताड़ा : जिले में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए सरकार व प्रकृति प्रेमी दोनों के स्तर से प्रयास हो रहा है, लेकिन इसके तहत लगाए जा रहे पौधों में से 10 से 15 फीसद ही बड़े हो पाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है पौधे का सही देखरेख नहीं होना। कुछ को कीट-पतंग विनष्ट कर देते हैं तो कुछ को जानवर आहार बना लेते हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में भी लोग इस ओर ध्यान नहीं देते हैं, चूंकि लोगों का मानना है कि सरकारी स्तर पर लगाए गए पौधों से उनका क्या लाभ? लेकिन, लोगों को समझने की जरूरत है कि आसपास यदि पौधे रहेंगे तो इसमें फायदा उन्हीं का है। स्वच्छ हवा के साथ ही छाया व प्राप्त फल और लकड़ी उपयोग कर सकेंगे। शहरी क्षेत्र में भी पौधरोपण अभियान चलता है, लेकिन लोग अपनी भूमिका पौधरोपण करने के समय फोटो खिंचवाने तक ही समझते हैं। पेड़-पौधे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़े हैं, इसलिए इसकी सुरक्षा व संवर्द्धन की दिशा में प्रत्येक वर्ग को सक्रिय होना होगा। इस संदर्भ में दैनिक जागरण ने कई प्रकृति प्रेमियों, पौधरोपण करनेवाले व प्रहरियों से बात भी किया, कुल मिलाकर एक ही बात सामने आई है कि पौधरोपण के प्रति पहले वातावरण फिर संसाधन की व्यवस्था होनी चाहिए तभी पौधरोपण पुष्पित व पल्लवित हो सकेगा। इस संबंध में पौध प्रहरी मनोहर राय बताते हैं कि सरकार को लोगों के बीच यह जिज्ञासा पैदा करने की जरूरत है कि वन व पेड़-पौधों को बढ़ावा देने से ही समाज को फायदा है। अभियान के तहत जो पौधे लगाए जाते हैं वे अधिकतर जलावनवाले होते हैं। सरकार को योजनाओं में फलदार व फायदेमंद पौधों को भी शामिल करना चाहिए। इससे लोगों की रुचि वानिकी के प्रति रूचि बढ़ेगी। जहां पौधे लगाएं वहां के आसपास के युवाओं को इसकी जवाबदेही दी जानी चाहिए कि वे इसकी देखरेख करें। वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रयास करने वाले संगठनों, युवाओं और प्रतिनिधियों को कार्य के अनुसार प्रोत्साहित भी करने की जरूरत है। इससे युवा उत्साहित होंगे और पौधों को बचाने के साथ नए भी लगाने के लिए युवा व विभिन्न संगठन आगे आएंगे।
-- मुखिया और वार्ड स्तर पर भी तय हो जिम्मेदारी : पौध प्रहरी मनोहर राय ने बताया कि पौधरोपण को बढ़ावा देने और पौधों को वृक्ष बनाने का सपना तभी साकार हो सकेगा जब इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। कहा कि पौधे लगाने के बाद ग्रामीण इलाकों में मुखिया और वार्ड सदस्यों को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। साथ ही शहरी इलाके में सामाजिक कार्यो को करनेवाले संगठनों व युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
--- आमजनों को भी समझना होगा जवाबदेही : प्रत्येक व्यक्ति को यह तय करना होगा कि वह प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में सभी की कुछ जिम्मेदारी होती है। पौधों को लगाकर या आसपास पौधे लगे हों उन्हें बचाकर प्रकृति को नियंत्रित रखने में भूमिका निभा सकते हैं। हरे पेड़ों को काटने से बचना चाहिए। साथ ही यदि कोई पेड़ काट रहे हों तो उसकी जगह दूसरा पौधा लगा देना चाहिए, ताकि कुछ समय में उसकी भरपाई हो सके।