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बागडेहरी में बिन डाक्टर का अस्पताल, इलाज करवाते हैं बंगाल में

कुंडहित (जामताड़ा) ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के लिए सरकार करोड़

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 09:08 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 09:08 PM (IST)
बागडेहरी में बिन डाक्टर का अस्पताल, इलाज करवाते हैं बंगाल में
बागडेहरी में बिन डाक्टर का अस्पताल, इलाज करवाते हैं बंगाल में

कुंडहित (जामताड़ा) : ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। कभी डाक्टर की कमी तो कभी विभागीय लापरवाही की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए दूसरे जगहों पर भटकना पड़ता है। कुंडहित प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी दूर बागडेहरी गांव जो बंगाल सीमा से सटा हुआ है। क्षेत्र में दूर-दूर तक स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने के कारण लोग बंगाल के विभिन्न शहरों जैसे नाकड़ाकोदा, दुबराजपुर, राजनगर, सिउड़ी, ब‌र्द्धमान आदि शहरों में जाकर इलाज कराते हैं। जहां इलाज के दौरान लोगों को काफी रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जबकि, बागडेहरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। वजह केंद्र में नियमित डाक्टर आते ही नहीं। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बागडेहरी में एमबीबीएस डा. उजाला मुर्मू पदस्थापित हैं।

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जबकि, डाक्टर पदस्थापित होने के बाद भी अधिकतम समय केंद्र से बाहर ही रहते हैं। जिस कारण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है। बुधवार को भी कई लोग इलाज करवाने वहां पहुंचे, लेकिन डा. उजाला मुर्मू अनुपस्थित थे। केंद्र में पदस्थापित पुरुष कक्ष सेवक धनेश्वर मरांडी एवं महिला कक्ष सेविका बुधनी मरांडी उपस्थित थे। बीते गुरुवार को डा. उजाला मुर्मू आए थे। जबकि, केंद्र के एएनएम नवमी हांसदा एवं सीएचओ आदित्य शर्मा टीकाकरण कार्य से बाहर गये हैं। जिस वजह से आज केंद्र में ओपीडी सेवा पूर्णरूप से बंद है। कर्मियों ने बताया कि डा. के नहीं रहने के कारण ओपीडी सेवा पूर्ण रूप से बंद रहती है। इस संबंध में डा. उजाला मुर्मू से फोन से संपर्क करने पर संपर्क नहीं हो पाया।

क्या कहते हैं ग्रामीण : बागडेहरी निवासी अमित कुमार, सनातन भंडारी, काजल गोराई आदि ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की पदस्थापन होने के बावजूद हम गरीब लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण हम सभी बंगाल के विभिन्न शहरों में जाकर इलाज कराते हैं। जहां चिकित्सा के नाम पर आर्थिक व मानसिक शोषण होता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा।

क्या कहते हैं अधिकारी : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. मंगेश कुमार ने बताया कि डा. उजाला मुर्मू ने फोन से जानकारी दी है कि उनकी तबीयत खराब है। इस वजह से वह केंद्र नहीं आ सके हैं। जो भी शिकायत है, जानकारी हासिल कर उसपर कार्रवाई की जाएगी।


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