नहीं बिक रहा धान, किसानों को हो रहा नुकसान
संवाद सहयोगी फतेहपुर (जामताड़ा) फतेहपुर प्रखंड में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से कि
संवाद सहयोगी, फतेहपुर (जामताड़ा): फतेहपुर प्रखंड में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसानों को औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश होना पड़ रहा है। बाजार में धान बेचने पर किसानों को दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक तो धान की फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है। साथ ही बाजार में खोटे बाट-बटखरा ये उनका धान वजन कर लिया जा रहा है। किसान को भी सब जानकारी होने के बाद भी ऐसे दुकानदार को धान बेचने की मजबूरी है। बाजार में करीब 1100 रुपये क्विंटल की दर से किसानों का धान खरीदा जा रहा है। ऐसे में प्रति क्विंटल 900 रुपये का नुकसान किसानों को हो रहा है
जबकि सरकार धान लेने की व्यवस्था बनाती तो किसान अपने धान को बेचते और उन्हें प्रति क्विंटल सामान्य धान का 1868 रुपये के साथ 182 रुपये का बोनस भी मिलता। लेकिन अब तक धान अधिप्राप्ति केंद्र में किसानों का धान नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को किस हद तक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
---क्या कहते हैं किसान :
--धान घर व खलिहान में सुरक्षित पड़ा है पर बेचने में कठिनाई हो रही है। सरकार ने घोषणा की थी 15 नवंबर से लैंपस में धान लेंगे पर अब तक नहीं लिया गया। विवश होकर स्थानीय बाजार में धान बेच रहे हैं। दाम कम मिल रहा है। वजह में भी नुकसान हो रहा है। किसान बाजार में सस्ती दर पर धान बेचने को विवश है। --- बिल्लू पाल, डुमरिया गांव।
--- सरकार व विभाग की उदासीनता के कारण किसान अपनी मेहनत की फसल को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। अभी तक धान अधिप्राप्ति केंद्र शुरू नहीं किया गया है। सरकार धान लेती तो प्रति क्विंटल हजार रुपये का नुकसान नहीं होता।
--- सुबल भंडारी, डुमरिया गांव।
---सरकार को धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने की दिशा में अविलंब पहल करनी चाहिए। ताकि किसान को फसल का उचित दाम मिल सके। बाजार में धान बेचने पर किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। 1100 रुपये क्विंटल की दर से किसानों का धान खरीदा जा रहा है।
-- शरत पहाड़िया, पड़ासी गांव।
---किसानों की स्थिति को देखते हुए सरकार को अब तरस आनी चाहिए। शीघ्र धान अधिप्राप्ति केंद्र शुरू होना चाहिए। सरकारी दर की तुलना में धान दूसरे को बेचने से 900 रुपये प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा। --महेश्वर मुर्मू, हरिराखा गांव