भगवान न करें किसी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़े
भगवान ना करे अस्पताल में इलाजरत किसी भी संक्रमित मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता हो ऐसी प्रार्थना कोरोना अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। इतना ही नहीं संक्रमित मरीज एवं उसके स्वजन भी ईश्वर से कामना करते हैं कि उपचार के क्रम में वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं हो।
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संवाद सहयोगी जामताड़ा : भगवान ना करे अस्पताल में इलाजरत किसी भी संक्रमित मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता हो, ऐसी प्रार्थना कोरोना अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। इतना ही नहीं संक्रमित मरीज एवं उसके स्वजन भी ईश्वर से कामना करते हैं कि उपचार के क्रम में वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं हो। दरअसल जिला स्तरीय कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल उदलबनी में 16 बेड वेंटिलेटर युक्त है। जबकि 60 बेड ऑक्सीजन युक्त है। गंभीर अवस्था में संक्रमित मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता होती है। कोरोना अस्पताल में वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता है लेकिन अस्पताल में प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स की प्रतिनियुक्ति एक साल बाद भी नहीं हो पाई है। यह भी सच्चाई है कि जिले में वेंटीलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक विशेषज्ञ की संख्या मात्र एक है। एकमात्र विशेषज्ञ चिकित्सक को अस्पताल से संक्रमित के घर तक का दायित्व सौंपा गया है। हालांकि अस्पताल की समस्या से ईश्वर भी वाकिफ है इसी का परिणाम है कि जिले में 1715 सक्रिय संक्रमित मरीज का इलाज कोरोना अस्पताल में होने के बावजूद भी महज एक मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ी है। अब तक 1412 संक्रमित मरीज उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हो चुका है। वेंटिलेटर की आवश्यकता वाले मरीज को धनबाद स्थित सेंट्रल अस्पताल भेजा गया था।
गंभीर मरीजों का नहीं मिल रहा बेड : दक्षिण बहाल निवासी विद्युत कुमार सिंह ने कहा जिला स्तरीय कोराना डेडीकेटेड अस्पताल उदलबनी में सामान्य से गंभीर अवस्था वाले संक्रमित मरीज को उपचार की सुविधा मिले इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने एक साल पूर्व लाखों रुपए खर्च कर कोरोना अस्पताल में 16 बेड वेंटिलेटर युक्त स्थापित किया है। अस्पताल में मरीजों की स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर होते जा रहा है। दो व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। गंभीर अवस्था में जामताड़ा से रेफर करने पर धनबाद स्थित सेंट्रल अस्पताल में मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है इसके बावजूद भी अस्पताल में वेंटिलेटर युक्त बेड शोभा की वस्तु बना रहा तो गंभीर अवस्था के मरीजों की क्या दशा होगी। पबिया निवासी सुमन दुबे ने कहा जिला स्तरीय अस्पताल संसाधन से सुसज्जित किया गया है लेकिन मैन पावर के अभाव में उपलब्ध उपचार से संबंधित संसाधन बेकार साबित हो रहा है। विभाग को वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स की पदस्थापना करनी चाहिए।
-- वर्जन : मरीज को गंभीर अवस्था में वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है, अस्पताल में 16 वेंटिलेटर स्थापित है। प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के अभाव में इसका संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि वेंटीलेटर की आवश्यकता से पूर्व मरीजों को वाइपेप उपकरण से उपचार किया जाता है। अब तक मात्र दो गंभीर अवस्था के मरीज जिले में मिले थे जिसे प्राथमिक उपचार के बाद धनबाद स्थित सेंट्रल अस्पताल रेफर किया गया था। डॉ दुर्गेश झा, कोरोना अस्पताल प्रभारी।