करमाटांड़ के रिगोचिगो के पिता-पुत्र बिहार से अपहृत, रात में लौट भी आए
जामताड़ा साइबर अपराधियों के गढ़ करमाटांड़ के रिगोचिगो क्षेत्र से पिता-पुत्र का अपहरण
जामताड़ा : साइबर अपराधियों के गढ़ करमाटांड़ के रिगोचिगो क्षेत्र से पिता-पुत्र का अपहरण कर लिया गया। दोनों बिहार के झाझा बोलेरो से गए थे। वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया। यहां घरवाले को जानकारी मिली तो स्वजन सह एक भाजपा नेता एसपी दीपक सिन्हा के पास पहुंच गए। जानकारी मिलते ही पुलिस ने लोकेशन लेना शुरू किया। नगर थाना की पुलिस इंस्पेक्टर संजय कुमार की अगुवाई में बिहार गई। पुलिस की दबिश के बाद दोनों पिता-पुत्र मुक्त हो गए और रात को अपने घर भी पहुंच गए। पर पुलिस की माथापच्ची अभी समाप्त नहीं हुई है। पुलिस अपनी नजर में इसे फ्राडिग मान रही है। हालांकि रात को भाजपा जिलाध्यक्ष सोमनाथ सिंह से इस मसले पर बात की गई तो वह ऐसी कोई जानकारी से सिरे से मुकर गए।
दरअसल, करमाटांड़ में फिरौती के लिए अपहरण कोई नई घटना नहीं है। कई मामले पुलिस के पास पहुंचता है तो मुक्त कराया जाता है। कई मामलों में लेन-देन कर खुद निपटा लिया जाता है। ज्यादातर वैसे लोगों को ही अपहर्ता शिकार बनाते हैं जो सात-आठ साल में साइकिल की जगह लग्जरी कार की सुविधा भोगी हैं। झोपड़ी महल में परिवर्तित हुई है। अलबत्ता मौजूदा मामले में न तो परिजन और न पुलिस अधिकृत तौर पर मुंह खोल रही। पर अपहृत के बोलेरो चालक ने अपनों को पूरे मामले की जानकारी दी। वहीं भाजपा नेता एसपी दीपक सिन्हा के पास गुरुवार को पहुंचकर पूरी जानकारी दी थी। उसी के बाद पुलिस लोकेशन के आधार पर छापेमारी शुरू की।
एसपी कार्यालय के समक्ष मंडराने के सवाल पर नेता से बात किया गया तो वे कुछ नहीं बताए। इतना कहे कि कुछ मामला था। अब दिक्कत नहीं है। जबकि बरामदगी के आपरेशन में लगे एक पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं फ्राडिग है। दोनों पिता-पुत्र झाझा गए थे। वापसी हो गई है, लेकिन जांच अभी और गंभीरता से चल रही है। दो में से एक आरोपित भी है। करमाटांड़ थाना प्रभारी रोशन कुमार ने कहा इस मामले में अबतक किसी ने आवेदन नहीं दिया गया है। स्थानीय लोगों की माने तो अपहृत युवक अपने निजी चार पहिया वाहन के साथ बिहार के जमुई झाझा गया था। जहां अपहर्ताओं ने अपहरण किया। हालांकि गुरुवार की रात अपहृत दोनों वाहन व चालक के साथ पहुंच गए। चर्चा का विषय है कि अपहृत युवक फिरौती की रकम चुका कर वापस आया है या पुलिस के दबाव में अपहर्ताओं ने ऐसे ही मुक्त कर दिया है। पुलिस की नजर में फ्राडिग क्या है..।