जामताड़ा में साइबर अपराधियों के छह ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
पचास लाख रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले आरोपितों को ईडी ने अपनी जांच के दायरे में घसीटा है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। रांची से यहां साइबर अपराधियों के गढ़ नारायणपुर पहुंची प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरुवार दोपहर साइबर अपराधियों के दो गांवों में कुल छह ठिकानों पर छापेमारी की। मिरगा में प्रदीप मंडल, पिंटू मंडल, विशु मंडल व मुकेश मंडल और लटैया में रंजीत मंडल व प्रकाश मंडल के आवासों को खंगाला गया। छापेमारी शाम तक हुई। स्थानीय पुलिस ने साइबर अपराधियों के घर को घेराबंदी की, वहीं ईडी के अधिकारी अंदर उनकी संपत्ति व आय स्रोत से जुड़े दस्तावेजों की जांच करते रहे। उक्त सभी आरोपित फरार हैं। टीम उनके परिजनों से पूछताछ कर रही है। गांव में सन्नाटा पसरा है। साइबर अपराधियों की संपत्ति जांच का ईडी से जुड़ा यह पहला मामला है।
पुलिस की मानें तो नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव में ईडी की टीम अपने सहायक निदेशक की अगुवाई में प्रदीप मंडल, पिंटू मंडल, विशु मंडल, मुकेश मंडल के अलग-अगल आवासीय ठिकानों में दोपहर दो बजे से जांच शुरू की। वहीं, एक अन्य टीम ने लटैया गांव में गणपति मंडल व प्रकाश मंडल के आवास को खंगाला। इनमें प्रदीप मंडल के अलावा युगल मंडल की संपत्ति की जांच करने का प्रस्ताव दो माह पूर्व जामताड़ा के एसपी डाॅ जया रॉय ने राज्य पुलिस मुख्यालय के जरिए ईडी को भेजा था।
सूत्रों के मुताबिक, पचास लाख रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले आरोपितों को ईडी ने अपनी जांच के दायरे में घसीटा है। दूसरों के बैंक खातों से ऑनलाइन ठगी के जरिए रुपये उड़ाकर उक्त सभी आरोपितों ने पचास लाख रुपये से अधिक की संपत्ति बना रखी है। टीम में शामिल अधिकारी आरोपितों के परिजनों से चल-अचल संपत्ति का ब्योरा के अलावा आय के स्रोत, आलीशान मकान कब किस आय से बनाया गया की जानकारी ले रही है। किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। हालांकि सहायक निदेशक समेत अन्य अधिकारी जांच के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल कुछ भी बताया नहीं जा सकता है। जांच चल रही है।
इधर, पुलिस सूत्रों से पता चला कि नारायणपुर थाना में ऑनलाइन साइबर ठगी का कांड 207/15 दर्ज है। इस कांड में प्रदीप मंडल के अलावा उक्त सभी आरोपित नामजद हैं। सभी आरोपित जमानत पर हैंं। ईडी की टीम को यहां साइबर थाना के इंस्पेक्टर सह प्रभारी सुनील चौधरी, नारायणपुर अंचल के इंस्पेक्टर सुबोध प्रसाद, जवान व महिला पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं।
युगल मंडल व प्रदीप मंडल नामक साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव यहां जिला पुलिस राज्य पुलिस मुख्यालय के जरिये ईडी को भेजा था।
जानकारी के मुताबिक, कुल छह ठिकानों पर छापेमारी की गई। टीम का सहयोग स्थानीय पुलिस ने किया। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) मामले में छापेमारी की। यहां के साइबर अपराधी फोन कर लोगों को लाखों-करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। झारखंड में जामताड़ा साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है।
ईडी ने छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं। लोगों का पैसा लूटने वालों पर पर ईडी ने कुछ समय पहले मामला दर्ज किया था। यहां के साइबर अपराधियों ने साइबर अपराध से अकूत संपति अर्जित की है। ये साइबर अपराधी करमाटांड़, नारायणपुर, जामताड़ा के बताए जाते हैं।
करीब ढाई करोड़ रुपये के साइबर फ्राड के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रांची शाखा ने तीन अलग-अलग केस दर्ज किया था। तीनों ही मामलों में झारखंड पुलिस ने ईडी से केस दर्ज करने का अनुरोध किया था। इनमें एक मामला एक करोड़, दूसरा 99 लाख व तीसरा मामला 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है। जिन पर केस दर्ज किया गया है, उनमें प्रदीप कुमार मंडल व अन्य, युगल मंडल व अन्य तथा संतोष मंडल शामिल हैं।
इनके खिलाफ झारखंड के विभिन्न थानों में प्राथमिकियां दर्ज हैं और इनपर चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। अब ईडी ने इनपर मनी लांड्रिंग अधिनियम 2002 के तहत तीन अलग-अलग केस दर्ज किया है। अब तक की छानबीन में यह स्पष्ट हुआ है कि यह जालसाजी अलग-अलग सिमकार्ड के जरिए की गई है। जालसाज पीड़ितों को कॉल कर खुद को बैंक अधिकारी व बैंककर्मी या सेबी कर्मी बताकर फोन करते थे। कॉल कर उनके खाते का ब्योरा लेकर उनके खातों से रुपये उड़ा लेते थे। इस जालसाजी का हब जामताड़ा है, जिसे साइबर क्राइम कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है। जामताड़ा के अलावा इसके पड़ोसी जिले गिरिडीह, दुमका, देवघर आदि में भी साइबर अपराधी अपना पांव जमाए हुए हैं।
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