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पाला कीर्तन में भगवान लीला का वर्णन

बिदापाथर (जामताड़ा) शिवरात्रि के शुभ अवसर पर बिदापाथर स्थित शिवमंदिर प्रांगण में चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। पहले दिन पश्चिम बंगाल के बंगला कीर्तनिया महुआ मंडल ने पाला कीर्तन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 04:37 PM (IST)
पाला कीर्तन में भगवान लीला का वर्णन
पाला कीर्तन में भगवान लीला का वर्णन

बिदापाथर (जामताड़ा) : शिवरात्रि के शुभ अवसर पर बिदापाथर स्थित शिवमंदिर प्रांगण में चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। पहले दिन पश्चिम बंगाल के बंगला कीर्तनिया महुआ मंडल ने पाला कीर्तन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। कहा सभी युगों में भगवान ने विभिन्न रूपों में अवतार लेकर जगत का कल्याण किया है। कालियां दामन पाला का वर्णन करते हुए कहा कि कालिया नाग को अपने शक्ति के उपर बहुत घमंड था। वह सभी निरीह जीवों को निगल जाता था। भगवान की महिमा अपरंपार है। एक बार बालक कृष्ण अपने मित्र के साथ गेंद खेल रहे थे। इसी क्रम में गेंद सरोवर में जा गिरी जहां कालिया नाग रहता था। भगवान श्रीकृष्ण गेंद लेने सरोवर में गये व कालियां नाग से युद्ध हुआ। अंतत श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को परास्त कर उसके फन पर नृत्य किया। सभी जीवों को कालिया नाग के प्रकोप से बचाया था।   कार्यक्रम को सफल बनाने में शिवमंदिर कमेटी का सराहनीय योगदान रहा है।

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