पांच माह बाद भी तालाब निर्माण की नहीं मिली राशि
भूमि संरक्षण विभाग के तहत बनाये गये 81 तालाब की राशि भुगतान नहीं होने से तालाब निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। इससे किसानों की भावी सिचाई की उम्मीद भी टूट रही है।
जामताड़ा : भूमि संरक्षण विभाग के तहत बनाये गये 81 तालाब की राशि भुगतान नहीं होने से तालाब निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है। इससे किसानों की भावी सिचाई की उम्मीद भी टूट रही है। पानी पंचायत समिति से जुड़े रैयतों में भी तालाब से जुड़कर अपनी आमदनी नहीं बढ़ा पाने को लेकर मायूसी है। विभाग की ढुलमुल नीति की वजह से कई समिति का भरोसा भी जवाब दे रहा है कि अब निर्माणाधीन तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण होगा या अधूरा ही रह जायेगा।
रबी में सिचाई की पड़ती जरूरत : रबी फसल उत्पादन का समय किसानों के दरवाजा पर दस्तक दे चुका है। रबी फसल यहां सिचाई पर आश्रित रहती है। ऐसे में निर्माणाधीन तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से सिचाई कार्य प्रभावित हो सकता है। चुनाव आचार संहिता की वजह से भुगतान पर जो रोक लगी है, वह अभी जारी ही है।
भूमि संरक्षण विभाग से मिली थी स्वीकृति : जिले में भूमि संरक्षण विभाग के तहत पिछले जून माह में 81 प्रमुख रैयती तालाब के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। स्वीकृत तालाब का निर्माण कार्य में 10 प्रतिशत राशि लाभुक को अंश दान करने का प्रावधान था। प्रत्येक तालाब निर्माण के लिए 15 से 18 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया है। समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण करने को पानी पंचायत समिति का गठन किया गया था। समिति में बतौर अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व सदस्य रैयतों को बनाया गया था। जुलाई माह में शतप्रतिशत तालाबों में निर्माण कार्य समिति सदस्यों ने शुरू की। 81 तालाब में से 67 तालाबों की पानी पंचायत समिति को प्रथम किश्त की राशि का भुगतान किया गया। उसके बाद समिति ने शेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने का प्रयास किया लेकिन दूसरी किश्त की राशि अब तक समिति को नहीं मिल पायी है।
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--- क्या कहते लाभुक समिति सदस्य : समिति सदस्य बाबूजन अंसारी, पवन महतो, शंकर दूबे, रविशंकर ठाकुर, सलीम अंसारी, बाबूलाल किस्कू, सिकंदर सोरेन, हरिशंकर रवानी आदि ने बताया की तालाब स्वीकृति के बाद बताया गया कि गठित पानी पंचायत समिति सदस्य ही निर्माण कार्य पूर्ण कराएंगे और राशि समिति के बैंक खाता में जायेगी। इसी प्रत्याशा में जून में निर्माण कार्य शुरू किया। निर्माण कार्य की मापी के अनुरूप प्रथम किस्त की राशि मिली। इसके बाद निर्माण कार्य पूरा करने का काम किया गया, लेकिन अब तक कराए गए निर्माण की मापी हुए पांच माह गुजर जाने के बाद भी निर्माण मद की राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में निर्माण कार्य के एवज में ट्रैक्टर, जेसीबी मशीन, पोकलेन मशीन संचालक का बकाया है। दिन प्रति दिन बकाये राशि की मांग का दबाव बढ़ रहा है। नहीं देने की स्थिति में तू तू मैं मैं की स्थिति होती है। ऐसे में तालाब निर्माण कार्य पूर्ण हो पायेगा या नहीं, इस पर संशय होना स्वभाविक है। इस प्रकार का भय सताने लगा है। रबी फसल भी अब उम्मीद के अनुरूप नहीं हो पाएगी।
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वर्जन : 23 दिसंबर को विधान सभा चुनाव परिणाम जारी होने के उपरांत नये सरकार का गठन हुआ। 25 दिसम्बर को मुख्य सचिव ने कोषागार से राशि निकासी पर रोक लगा दी है। रोक जारी है। भुगतान को लेकर कार्यालय में संपन्न होनेवाले सभी प्रक्रिया पूर्ण कर अभिलेख तैयार कर रखा गया है। पिछले दिनों आचार्य संहिता के कारण कई माह भुगतान बंद था। कोषागार से निकासी बंद रहने के कारण यह हाल है। सारे तालाबों का काम पूरा किया जाएगा।
--रामबाबू भूमि संरक्षण पदाधिकारी।