घरों में रहकर की पढ़ें आखिरी जुमे की नमाज
संवाद सूत्र जामताड़ा रमजान महीने का अंतिम जुम्मा शुक्रवार को है जिसे अलविदा की नमाज भी कह
संवाद सूत्र, जामताड़ा : रमजान महीने का अंतिम जुम्मा शुक्रवार को है जिसे अलविदा की नमाज भी कही जाती है। इस जुम्मा में मुसलमान हर हाल में मस्जिद में नमाज अता करते हैं। मुसलमानों में सदियों पुरानी यह परंपरा रही है कि इस जुम्मा को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ते। अलविदा जुम्मा के दिन मस्जिदों में काफी भीड़ इकट्ठा होती है। गांव व शहर के नौजवान, बूढ़े, बच्चे सब जुम्मा की नमाज अदा करने चले जाते हैं, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 का खतरनाक प्रकोप चल रहा है। झारखंड समेत देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन बहुत ही जरूरी है। जामताड़ा के कई लोग संक्रमित होकर दुनिया से चल बसे हैं। सबसे पहले जिदगी बचानी है, फिर मस्जिद में इकट्ठा होकर खुदा की इबादत करेंगे। अभी अपने अपने घरों में ही सुरक्षित रह कर नमाज की पाबंदी करें। दुआ का एहतमाम करें। यह अपील नन्हे रोजेदारों ने कोरोना से बचाव के लिए की है। कहा कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग का जो निर्देश है उनका पालन सबको करना चाहिए। रमजान मुबारक का यह आखरी अशरा चल रहा है जिसमें शहर से लेकर गांव- देहात के बच्चे रोजा रख अल्लाह से महामारी से बचने के लिए निजात की दुआ मांगते हैं।
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तीसरी कक्षा में पढ़ रहे हैं। इस वर्ष रमजान में मौसमी बुखार का प्रकोप चल रहा था, जिसके कारण घरवालों रोजा नहीं रखने दिया। अब तो यह महीना धीरे-धीरे खत्म होने की ओर चल पड़ा है। घर में ही जुम्मा की नमाज अता करें।
वसीम अंसारी
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पहली कक्षा में पढ़ती हूं। घर में अब्बू-मम्मी रोजा रखने नहीं दे रहे। अभी बहुत छोटी हूं, ऐसा घर वाले कहते हैं। आने वाले वक्त में रोजा रखा जाएगा। बड़ी होने पर जरूर रोजा रखूंगी।
---रोशनी
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मदरसा में पढ़ते हैं। अब तक इस महीने के 22 रोजे मुकम्मल रख लिए हैं। अभी स्कूल, मदरसे सब बंद हैं, इसलिए घर में रहकर अब्बू के पास पढ़ाई कर रहे हैं। अब्बू मदरसा संचालक हैं। जुम्मा की नमाज सभी लोग घर में ही अता करें।
---सफवान साकिब।
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रमजान का महीना बहुत अच्छा लगता है। घर में सभी लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत करते हैं। नमाज पढ़कर खुदा से महामारी से निजात के लिए खूब दुआ कर रहे हैं। शुक्रवार को जुम्मा की नमाज है। कोरोना से को घर में ही अता करना जरूरी है।
अंजुम खातून